प्रशांत किशोर की 'बदलाव रैली' में कम भीड़ को लेकर बिहार की राजनीति में कई तरह के सवाल उभर रहे हैं। क्या प्रशांत किशोर अब शांत पड़ जाएंगे? क्या प्रशांत किशोर पर भाजपा की बी टीम होने के आरोप सही हैं? अगर नहीं तो क्या प्रशांत किशोर महागठबंधन की बी टीम के लीडर हैं? ऐसे तमाम सवाल उठ रहे हैं। बिहार की राजनीति में पांडे और लांडे नहीं चलेंगे… प्रशांत किशोर की ‘बदलाव रैली’ में कम भीड़ को लेकर यह प्रतिक्रिया सांसद पप्पू यादव की है। उन्होंने प्रशांत किशोर को बहरुपिया बताया और कहा कि काले धन की बदौलत भाजपा की ‘बी’ टीम बनकर वह काम कर रहे हैं, जिसे बिहार की जनता ने भी देख लिया है और समझ लिया है। प्रशांत किशोर उर्फ पीके पर लग रहे आरोपों के बीच सवाल यह है कि कि क्या वह सच में किसी की बी टीम बनकर राजनीति कर रहे हैं या फिर उनके स्वयं के राजनीतिक लक्ष्य हैं? ऐसे सियासी सवालों के बीच प्रशांत किशोर इसलिए घिर गए हैं क्योंकि ‘बदलाव रैली’ वाला प्रयास विफल हो गया है।
पीके किसकी 'B' टीम हैं- भाजपा या राजद?
चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर पहली बार खुद चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं उनकी नई बनाई पार्टी जन सुराज की पहली रैली शुक्रवार को पटना के गांधी मैदान पर हुई ऐसा दावा किया जा रहा था की रैली में 5 लाख लोग जुड़ेंगे हालांकि भीड़ का आंकड़ा कुछ हजारों तक ही सीमित कर रह गया। विरोधियों का दावा है कि महज 20-30 हजार लोग ही इस रैली में पहुंचे। यहां तक कि एक भाजपा प्रवक्ता ने तो पीके को प्रशांत किशोर की जगह पैसा किशोर तक कह डाला और आरोप लगाया है कि पैसा देकर यह भीड़ जमा की गई थी।
प्रशांत किशोर नहीं पैसा किशोर !
बता दें कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि करोड़ों रुपए खर्च करके भीड़ जुटाना की कोशिश भी इनकी फेल हो गई 5 लाख का दावा था जबकि 20-30,000 लोग ही गांधी मैदान पहुंच। जायसवाल ने कटाक्ष करते हुए कहा उनका नाम अब परेशान किशोर नहीं बल्कि पैसा किशोर हो जाना चाहिए क्योंकि पैसे के बल पर राजनीति शुरू की गई है। लेकिन, उन्होंने इन सब बातों से सीख लेते हुए तत्काल ही अपना इरादा फिर जाहिर किया है और प्रशांत किशोर ने साफ तौर पर घोषणा कर दी है कि वह 10 दिन के बाद बिहार दौरे पर फिर निकलेंगे और प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर तक भ्रमण करेंगे। इस दौरान वह जनता से मिलेंगे और वर्तमान सरकार की नाकामी और इससे पूर्व की सरकार की विफलता को बताते हुए अपनी राजनीति को नई धार देंगे।
We may use cookies or any other tracking technologies when you visit our website, including any other media form, mobile website, or mobile application related or connected to help customize the Site and improve your experience.
learn more