महागठबंधन में बढ़ी रार,पप्पू यादव का तेजस्वी पर सीधा प्रहार...सीएम के चेहरे को लेकर दिया बड़ा बयान

Authored By: News Corridors Desk | 15 Jul 2025, 02:40 PM
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बिहार में जैसे-जैसे विधान सभा चुनाव का वक्त नजदीक आ रहा है, सियासी समीकरण भी तेजी से बदलते दिख रहे हैं । राजद नेता तेजस्वी यादव को एनडीए से ही नहीं बल्कि महागठबंधन के भीतर से भी जोरदार चुनौती मिलती दिख रही है।कांग्रेस नेता पप्पू यादव के ताजा बयान से न सिर्फ महागठबंधन बल्कि बिहार की राजनीति भी गरमा गई है । पूर्णिया से निर्दलीय सांसद और कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी के पास मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरों की कमी नहीं है । 

दलित और मुस्लिम चेहरों के सहारे तेजस्वी को घेरने की कोशिश

कांग्रेस ने अब तेजस्वी यादव पर दबाव बनाने के लिए दलित और मुस्लिम का दांव चला है । हमले के लिए आगे किया गया है पप्पू यादव को । उन्होंने कहा है कि बिहार में कांग्रेस के पास मुख्यमंत्री पद के चेहरों की कमी नहीं है। पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस के जिन नेताओं को योग्य उम्मीदवार बताया है वो हैं, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और सांसद तारिक अनवर ।

बता दें कि कुछ दिनों पहले कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा था कि तेजस्वी ही होंगे महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार । परन्तु पार्टी के किसी बड़े नेता ने अबतक इस मामले में खुलकर नहीं बोला है । 

कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में शामिल हो सकते हैं पप्पू यादव

बिहार विधान सभा चुनाव को लेकर हाल ही में दिल्ली में कांग्रेस की अहम बैठक हुई । इसमें प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावेरू, प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार और अन्य दिग्गज नेता शामिल हुए । इसमें भाग लेने के लिए पप्पू यादव को भी बुलाया गया था । बताया जाता है कि बैठक में पप्पू यादव ने खुलकर कहा कि वे पार्टी के लिए किसी भी भूमिका को निभाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं ।

बिहार खासकर सीमांचल में पप्पू यादव के प्रभाव और अक्रामक कार्यशैली को देखते हुए माना जा रहा है कि कांग्रेस उन्हे स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल कर सकती है । पप्पू यादव के बारे में दिलचस्प बात यह है कि वो नेता तो कांग्रेस के हैं लेकिन पूर्णिया से निर्दलीय सांसद हैं ।

पिछले लोकसभा चुना से पहले उन्होंने अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था और कांग्रेस ने उन्हे पूर्णिया से टिकट देने का ऐलान भी कर दिया था । परन्तु तेजस्वी यादव के विरोध की वजह से कांग्रेस का अपना फैसला बदलना पड़ा । तब पप्पू यादव ने निर्दलीय पर्चा भरा और तेजस्वी यादव के जबरदस्त विरोध के बावजब जीत हासिल की । 

बिहार बंद में अपमान के बाद अक्रामक हुई कांग्रेस ? 

बिहार में चुनाव आयोग की वोटर लिस्ट रिवीजन के खिलाफ पिछले दिनों विपक्ष द्वारा बुलाए गए बिहार बंद के दौरान पप्पू यादव और कन्हैया कुमार के साथ जो कुछ भी हुआ वह अब भी चर्चा का विषय बना हुआ है ।पटना में विरोध मार्च के दौरान पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को कथित तौर पर उस ट्रक पर नहीं चढ़ने दिया गया जिसपर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव सवार थे । तब इस बात की भी खूब चर्चा हुई कि क्या यह RJD की रणनीति का हिस्सा था और तेजस्वी के कहने पर ही पप्पू यादव और कन्हैया कुमार के साथ ऐसा सलूक किया गया ?

ट्रक विवाद के कुछ दिनों बाद पप्पू यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की । हालांकि पटना में खुद के साथ किए गए सलूक को लेकर उन्होंने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जाहिर नहीं की, परन्तु मुख्यमंत्री पद के लिए नए नामों को आगे कर उन्होंने अपनी मंशा जरूर जाहिर कर दी है । कई राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी मानना है कि पटना की घटना को कांग्रेस पार्टी ने भी काफी गंभीरता से लिया है और पप्पू यादव का ताजा बयान उसी का परिणाम है । 

माना जा रहा है कि पप्पू यादव के बयान के जरिए कांग्रेस न सिर्फ तेजस्वी यादव पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है बल्कि अपने वोटर्स तक भी सीधा संदेश पहुंचाने की कोशिश कर रही है । दरअसल कांग्रेस बिहार में अपनी खोई जमीन को वापस पाने के लिए भी कोशिश कर रही है । इसके लिए उसकी नजरें राज्य के दलित और मुस्लिम वर्ग पर खासतौर से टिकी हुई हैं ।