तीन साल बाद योगी से मिलने पहुंचे ब्रजभूषण, यूपी की सियासत में मची हलचल !

Authored By: News Corridors Desk | 21 Jul 2025, 09:13 PM
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सोमवार को बीजेपी के दबंग नेता और पूर्व सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह अचानक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचे तो सूबे की राजनीति एकदम से गरमा गई । चर्चा का बाजार गर्म हो उठा । करीब तीन साल बाद दोनों नेताओं की इस मुलाकात के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं ।

वैसे तो बृजभूषण शरण सिंह ने मुलाकात को शिष्टाचार भेंट करार दिया है परन्तु राजनीति के कई जानकार इस मुलाकात को पूर्वांचल की राजनीति और 2027 के चुनावी समीकरणों से जोड़कर देख रहे हैं । वहीं कई लोग इसे पार्टी में ब्रजभूषण शरण सिंह के पार्टी में फिर से सक्रिय होने के संकेत के रूप में देख रहे हैं । 

क्या कहा ब्रजभूषण शरण सिंह ने मुलाकात के बारे में 

लखनऊ के मुख्यमंत्री आवास में दोनों नेताओं की मुलाकात करीब 45 तक चली । बाहर निकलने पर पत्रकारों ने जब इस बारे में ब्रजभूषण शरण सिंह से पूछा तो उन्होंने इसे शिष्टाचार भेंट बताया । उन्होंने कहा कि, प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, मुलाकात तो होनी ही चाहिए।  लेकिन राजनीति को समझने वाले लोग जानते हैं कि ऐसी मुलाकातें केवल शिष्टाचार तक सीमित नहीं होतीं । 

तीन साल बाद ब्रजभूषण शरण सिंह अचानक योगी आदित्यनाथ से मिलने क्यों पहुंचे, इस बारे में स्पष्ट जानकारी अभी नहीं मिल पाई है । चर्चा इसलिए भी ज्यादा हो रही है क्योंकि बृजभूषण शरण पूर्वांचल में योगी के विरोधी के तौर पर जाने जाते रहे हैं । सरकार की नीतियों और अधिकारियों के रवैये को लेकर वह लगातार सवाल उठाते रहे हैं । हालांकि दोनों नेताओं ने नाम लेकर कभी एक-दूसरे पर हमला नहीं बोला । ब्रजभूषण ने हाल ही में अखिलेश यादव की तारीफ भी की थी । फिर अचानक वो मुख्यमंत्री से मिलने क्यों पहुंचे ? 

योगी-ब्रजभूषण मुलाकात के क्या हैं मायने  ? 

क्या ब्रजभूषण शरण सिंह की योगी आदित्यनाथ से मुलाकात अपनी  सियासी छवि को सुधारने कोशिश थी ? या यह 2027 के चुनावों में ब्रजभूषण को पावर मोहरा के रूप में इस्तेमाल करने की रणनीति का हिस्सा है ? दरअसल बृजभूषण शरण सिंह पूर्वांचल की राजनीति में काफी ताकतवर नेता माने जाते हैं । बलरामपुर, बहराइच, लखीमपुर, और श्रावस्ती जैसे जिलों में उनका काफी प्रभाव है। ऐसे में बृजभूषण पूर्वांचल में पार्टी के सियासी समीकरण को साधने में अहम भूमिका निभा सकते हैं ।

कई राजनीतिक विश्लेषक इस मुलाकात को हाल ही में योगी आदित्यनाथ की दिल्ली यात्रा से भी जोड़कर देख रहे हैं । दिल्ली में योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी । बताया जाता है कि इन मुलाकातों में पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष और मंत्रिमंडल में फेरबदल जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई ।

राज्य में पार्टी संगठन और मुख्यमंत्री के बीच की दूरी की भी अक्सर चर्चा होती है । यह ङी कहा जाता है कि पार्टी में ऐसे नेताओं का बड़ा धरा है जो योगी के विरोध में हैं । ये लोग पार्टी आलाकमान भी अपनी शिकायत पहुंचाते रहते हैं । ऐसे में ब्रजभूषण शरण सिंह और योगी आदित्यनाथ की मुलाकात को बीजेपी के आंतरिक पावर बैलेंस को साधने और योगी के नेतृत्व में एकजुटता दिखाने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है ।