मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह के विवादित बयान ने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है। इंदौर के महू में एक कार्यक्रम के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर की गई उनकी टिप्पणी पर अब राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। कांग्रेस ने शाह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उनके इस्तीफे की मांग तेज कर दी है।
इस विवाद ने तब और तूल पकड़ लिया जब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। इसके बाद इंदौर पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव का बयान
मामले पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा,
"न्यायपालिका के आदेशों का पालन हमारी सरकार ने किया है और आगे भी करते रहेंगे। लेकिन कांग्रेस को नैतिकता की बात करने का कोई अधिकार नहीं है। पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस्तीफा मांगे, जिनके राज्य में भी कई विवाद हैं।"
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस का दोहरा चरित्र अब सबके सामने है। उन्होंने आरोप लगाया कि,
"कांग्रेस ने चुनाव में अरविंद केजरीवाल के साथ कदम से कदम मिलाकर चला, जो मुख्यमंत्री रहते हुए जेल गए। तब कांग्रेस चुप थी। अब नैतिकता की बातें करना उनकी दोहरी मानसिकता को दर्शाता है।"
विजय शाह ने मांगी माफी
विवाद बढ़ने के बाद विजय शाह ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा,
"अगर मेरे शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं 10 बार माफी मांगने को तैयार हूं। मैं कर्नल सोफिया कुरैशी का अपनी बहन से भी अधिक सम्मान करता हूं। मेरा मकसद किसी की भावनाएं आहत करना नहीं था।"
दूसरी ओर, कांग्रेस ने विजय शाह के बयान को महिला विरोधी और अपमानजनक बताते हुए धरना प्रदर्शन और विरोध तेज कर दिया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि केवल एफआईआर दर्ज होने से बात नहीं बनेगी, शाह को तुरंत मंत्री पद से हटाया जाए।