धर्मांतरण का रैकेट चलाने वाले जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को जब से यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया है तबसे रोज उसकी काली करतूतों की कुंडली खुल रही है । उत्तर प्रदेश के बलरामपुर का रहने वाला छांगुर बाबा कोई साधारण ढोंगी नहीं, बल्कि एक ऐसा शैतानी चेहरा है जिसने म जाने कितनी लड़कियों की ज़िंदगी तबाह कर दी । मगर अबतक जितना सामने आया है, उसकी जड़े काफी गहरी जाती दिख रही है ।
छांगुर बाबा के जाल में फंसी पीड़िताओं की आपबीती रूह कंपा देने वाली है । किसी को नकली इलाज के बहाने फंसाया गया, किसी को प्यार और शादी का झांसा देकर उठाया गया और किसी को उसकी मां की बीमारी के बहाने छांगुर के पास ले जाया गया। एक बार जो उसके मकड़जाल में फंसा तो निकलना मुश्किल । उसने ब्लैकमेलिंग से लेकर धमकी और टॉर्चर तक का नेटवर्क तैयार कर रखा था ।
धोखा, ब्लैकमेलिंग और टॉर्चर- कई पीड़िताओं ने सुनाई आपबीती
जब यूपी एटीएस ने छांगुर को उठाया और उसके गैंग पर शिकंजा कसना शुरू किया है तो कई पीड़िताओं को हौसला मिला है । अब जब कुछ बहादुर महिलाएं सामने आकर छांगुर का सच बता रही हैं । पीड़ित युवतियों ने सामने आकर जो बयान दिए हैं, वे न सिर्फ चौंकाने वाले हैं, बल्कि इस पूरे नेटवर्क की गहराई और षड्यंत्र को उजागर करते हैं।
लखनऊ में एक एक पीड़िता ने बताया कि छांगुर बाबा अकेला नहीं है, उसका एक पूरा नेटवर्क है जो अब भी खुली सड़कों पर घूम रहा है। उसने कहा कि, यदि इन सभी को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो यह खेल कभी नहीं रुकेगा ।
युवती जो एक ब्यूटीशियन है, ने बताया कि उसे जबरन मारपीट कर बेहोशी की हालत में उतरौला ले जाया गया। वहां उसे बताया गया कि उसका 'रूहानी इलाज' किया जाएगा। इसके बाद छांगुर गैंग का सदस्य फरमान ने उसे सहारनपुर ले जाकर फर्जी नाम से अस्पताल में भर्ती कराया।
उसे अच्छी नौकरी दिलवाने और वहां सेटल करवाने का झांसा देकर सउदी अरब भी ले जाया गया । लेकिन वहां जाकर उसे पता चला कि वह हिंदू नहीं बल्कि मुस्लिम हैं। पीड़िता ने बताया कि देवबंद, मुजफ्फरनगर और मुरादाबाद जैसे इलाकों को रैकेट काफी सक्रिय है।
अबू अमीर अंसारी ने 'अमित' और मेराज अंसारी ने 'रूद्र' बनकर फंसाया
एक अन्य युवती ने बताया कि जिस शख्स ने उसे फंसाया, उसने खुद को "अमित" बताया लेकिन बाद में पता चला कि उसका असली नाम अबू अमीर अंसारी था। उसने अपनी पूरी फैमिली को हिंदू बताकर मिलवाया। छांगुर बाबा से उसकी मुलाकात 2019 में चांद औलिया दरगाह पर हुई, जहां महिलाओं का ब्रेनवॉश किया जा रहा था । पीड़िता ने कहा कि जिन लोगों ने उसे फंसाया, उनके परिवार के लोग 10 से ज्यादा धर्मांतरण करा चुके हैं ।
औरैया की रहने वाली एक और युवती की कहानी भी इससे मिलती जुलती है । उसने बताया कि रूद्र नाम के एक युवक ने उसके परिवार में घुसपैठ की । उसने खुद को हिंदू बताया और कहा कि वह उसके पिता को शराब छुड़वाने में मदद करेगा । इसके बाद वो छांगुर बाबा के संपर्क में आए । तब उसने एक ताबीज दी ।
लड़की ने बताया कि रूद्र की बहन भी मेरे घर पर नाम बदलकर आती जाती थीं । 2024 में वो ये कहकर कानपुर ले गई कि छांगुर बाबा आए हैं, उनसे मिल लो । हम उसके साथ चले गए । वहां से मुझे जबरन फतेहपुर मस्जिद में ले गया और जबरन निकाह करवा दिया गया।
बाद में पता चला कि जिसे वह अबतक रूद्र समझती रही उसका असली नाम तो मेराज अंसारी है। छांगुर बाबा वीडियो कॉल पर उस निकाह में मौजूद था। उसका नाम बदलकर जैनब रखा गया और सबा नाम की एक औरत को उसकी नकली मां बनाया गया। पीड़िता ने बताया कि उसे तीन महीने तक बंधक बनाकर रखा गया और जबरन इस्लामिक एजेंडे से जुड़ी बातें सुनाई गईं।
हवाला से फंडिंग, विदेश कनेक्शन और बड़ा षड्यंत्र
जिन पीड़ित महिलाओं ने मीडिया के सामने आकर अपनी आपबीती सुनाई है उका कहना है कि छांगुर बाबा का गिरोह सिर्फ धर्मांतरण तक सीमित नहीं है । इसमें हवाला के जरिए फंडिंग और नेपाल-पाकिस्तान तक का सीधा कनेक्शन है ।
पीड़ित महिलाएं अब सरकार से खुद को बचाने की गुहार लगा रही हैं । कई लड़कियां अब भी डर और धमकियों के साए में जी रही हैं। उनका कहना है कि सिर्फ छांगुर बाबा के पकड़े जाने से कुछ नहीं होगा । उसके गिरोह के लोग अब भी खुलेआम घूम रहे हैं । जबतक पूरे गिरोह का सफाया नहीं होगा तबतक यह गंदा खेल चलता रहेगा ।