कोलकाता की साउथ कलकत्ता लॉ यूनिवर्सिटी में एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़िता की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने तीन आरोपियों – मोनोजित मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी – को गिरफ्तार किया है। मामला सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन और राज्य सरकार दोनों पर कार्रवाई का भारी दबाव था।
यूनिवर्सिटी प्रशासन का सख्त एक्शन
घटना के बाद साउथ कलकत्ता लॉ यूनिवर्सिटी के शासी निकाय की आपात बैठक तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक अशोक कुमार देब की अध्यक्षता में हुई। बैठक में फैसला लिया गया कि: मुख्य आरोपी मोनोजित मिश्रा की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाएंगी।अन्य दो आरोपी जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को यूनिवर्सिटी से निष्कासित किया जाएगा। सुरक्षा एजेंसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा, ताकि परिसर की सुरक्षा में चूक की जवाबदेही तय हो सके।
मोनोजित मिश्रा का पुराना आपराधिक इतिहास
यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड के मुताबिक, मोनोजित मिश्रा वर्ष 2013 में संस्थान का छात्र था। उसी वर्ष कालीघाट थाना क्षेत्र में चेतला पुल पर एक युवक को चाकू मारने के आरोप में उसे पहले भी यूनिवर्सिटी से निष्कासित किया गया था। हैरानी की बात यह है कि 45 दिन पहले ही उसे ठेके पर संविदा कर्मचारी के रूप में दोबारा नियुक्त किया गया था।
घटना के बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रों और आम लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला। विरोध प्रदर्शन, नारेबाज़ी और दोषियों के खिलाफ कड़ी सज़ा की मांग ने माहौल को तनावपूर्ण बना दिया। सोशल मीडिया पर भी लोग न्याय की मांग कर रहे हैं।
विपक्षी दलों ने इस मामले पर राज्य सरकार और यूनिवर्सिटी प्रशासन से जवाब मांगा है। इस दबाव का असर ही है कि प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए निष्कासन और जांच प्रक्रिया शुरू की है।
तीनों आरोपी फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं और पूछताछ जारी है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस अपराध में और लोग शामिल थे या यूनिवर्सिटी प्रशासन की लापरवाही से अपराध को अंजाम दिया गया।