बिहार के मतदाता सूची में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के घुसपैठियों के नाम ! वोटर लिस्ट रिवीजन में बड़ा खुलासा

Authored By: News Corridors Desk | 13 Jul 2025, 01:41 PM
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बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान वो सच्चाई सामने आती दिख रही है जिसका अंदेशा जताया जा रहा था । सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक  घर-घर जाकर जांच के दौरान बीएलओ (बूथ लेवल अफसर) को बड़ी संख्या में ऐसे लोग मिले हैं जो नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध रूप से आकर भारत में रह रहे हैं । 

आश्चर्य की बात यह है कि इन लोगों के पास आधार कार्ड, डोमिसाइल सर्टिफिकेट और राशन कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज भी मौजूद हैं । ऐसी खबर है कि चुनाव आयोग 1 अगस्त से 30 अगस्त 2025 तक इन मामलों की जांच करेगा । अगर किसी भी व्यक्ति को अवैध रूप से दस्तावेज़ बनवाकर वोटर लिस्ट में शामिल होने का दोषी पाया गया, तो उसका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा ।

80% से अधिक मतदाताओं ने फॉर्म भर दिए

फिलहाल बिहार में मतदाता फॉर्म भरने का काम आखिरी चरण में है। अब तक 80% से अधिक मतदाताओं ने अपना नाम, पता, जन्मतिथि, आधार नंबर और वोटर आईडी नंबर दर्ज कर फॉर्म जमा कर दिए हैं। फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई तय की गई है । 

अगर किसी व्यक्ति का नाम 1 अगस्त को जारी होने वाली ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं होता है, तो वह मतदान रजिस्ट्रेशन अधिकारी,जिला निर्वाचन अधिकारी और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास अपील कर सकता है । 

सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला

मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच चुका है । कई राजनैतिक दलों के नेताओं और सामाजिक संस्थाओं की ओर से इसपर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की गई है । याचिकाकर्ता एसआईआर की टाइमिंग और इसके तरीके को लेकर विरोध जता रहे हैं । 

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करने के बाद चुनाव आयोग को बड़ी राहत दी है । देश की सर्वोच्च अदालत ने ये कहते हुए बिहार में वोटर लिस्ट के सत्यापन के काम पर रोक लगाने से मना कर दिया कि यह प्रक्रिया लोकतंत्र की जड़ से जुड़ी है और इसे रोका नहीं जा सकता ।  हालांकि मामले की सुनवाई जारी रहेगी । अदालत ने इस मामले में चुनाव आयोग से एक हफ्ते में अपना पक्ष रखने को कहा है । 28 जुलाई को इस मामले पर अगली सुनवाई होगी ।