उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने रिश्तों की मर्यादा और सामाजिक परंपराओं को लेकर गहरी बहस छेड़ दी है। एक 56 वर्षीय व्यक्ति ने अपने ही बेटे की मंगेतर से शादी कर ली, जिससे पूरे गांव में हड़कंप मच गया। मामला जितना हैरान करने वाला है, उतना ही सामाजिक दृष्टि से चिंताजनक भी।
कैसे शुरू हुआ ससुर-बहू का रिश्ता?
यह घटना रामपुर के थाना भोट क्षेत्र के बासनगली गांव की है। गांव निवासी शकील नामक व्यक्ति ने अपने बेटे का रिश्ता अजीमनगर क्षेत्र की एक युवती से तय किया था। शादी की तारीख भी निश्चित कर दी गई थी।
इस दौरान शकील का लड़की के घर बार-बार आना-जाना हुआ और यही मेलजोल धीरे-धीरे एक नाजायज़ रिश्ते में बदल गया। किसी को भी यह आभास नहीं हुआ कि शकील अपने ही बेटे की मंगेतर पर दिल हार बैठा है।
कुछ समय बाद शकील अपनी होने वाली बहू को भगा कर ले गया। जब दोनों आठ दिन बाद वापस लौटे तो उन्होंने सबके सामने यह चौंकाने वाला ऐलान किया कि वे दोनों अब पति-पत्नी हैं और शादी कर चुके हैं।
बेटे और पहली पत्नी का गुस्सा फूटा
बेटा इस धोखे से स्तब्ध रह गया। उसने अपने पिता से कहा: "पापा आपको शर्म नहीं आई? ये मेरी होने वाली दुल्हन थी!" वहीं, शकील की पहली पत्नी ने भी आपत्ति जताते हुए कहा: "आपकी बीवी तो मैं हूं, तो आप अपनी होने वाली बहू से शादी कैसे कर सकते हैं?" घर में इस मुद्दे पर गंभीर विवाद हुआ। पिता-पुत्र के बीच मारपीट तक की नौबत आ गई। पहली पत्नी और नई बहू के बीच भी हाथापाई हुई।
पंचायत ने सुनाया फैसला
जब मामला हाथ से निकलने लगा, तो गांव में एक पंचायत बुलाई गई। लड़के और उसकी मां ने मांग की कि शकील और उसकी नई पत्नी को गांव से निकाल दिया जाए। काफी विचार-विमर्श के बाद पंचायत ने फैसला सुनाया कि: “रिश्तों की मर्यादा भंग करने वाले दोनों को गांव से बाहर कर दिया जाए।”
पंचायत के फैसले के बाद शकील और उसकी नई पत्नी ने बासनगली गांव को छोड़ दिया और अब वे शहजादनगर थाना क्षेत्र के एक दूसरे गांव में जाकर रह रहे हैं। इस पूरे मामले पर युवती के परिवारवालों ने चुप्पी साध रखी है। वे इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, जिससे रहस्य और गहराता जा रहा है।