अमेरिका ने आखिरकार वो काम कर ही दिया है जिसकी आशंका पिछले कई दिनों से जताई जा रही थी । इजरायल-ईरान युद्ध में जब अमेरिका की एंट्री हुई तो ईरान का फोर्डो, नतांज और इस्फहान का इलाका दहल उठा । अमेरिका ने ईरान की इन तीनों न्यूक्लियर फैसिलिटीज पर बम बरसा कर इन्हे तबाह कर दिया । इस हमले के लिए अमेरिका ने बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स से न सिर्फ बंकर-बस्टर बम गिराए बल्कि पनडुब्बियों का इस्तेमाल कर टॉमहैक मिसाइलें भी बरसाई ।
हमले पर क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि अमेरिका ने रविवार (21 जून) की सुबह फोर्डो में ईरान के परमाणु अड्डों का खत्म करने के लिए छह 'बंकर बस्टर' बमों का प्रयोग किया । डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने नतांज और इस्फहान पर हमला करने के लिए अमेरिकी पनडुब्बियों से लॉन्च की गई 30 टॉमहॉक मिसाइलों का इस्तेमाल किया ।
ईरान पर हमले के करीब 3 घंटे बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने देशवासियों को संबोधित किया । उन्होंने कहा कि ईरान की अहम न्यूक्लियर साइट्स को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया है । डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा कि ईरान यदि अब भी शांति कायम नहीं करता है, तो उस पर और घातक हमले किए जाएंगे ।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि,ईरान की वजह से हजारों अमेरिकियों और इजरायली नागरिकों की जान गई है। लेकिन अब यह और नहीं होगा। उन्होंने कहा कि ईरान पर अमेरिकी हमले का उद्देश्य परमाणु खतरे को हमेशा के लिए खत्म करना था । इसीलिए अमेरिका ने ईरान की परमाणु साइट्स को निशाना बनाया है।

सटीक और उच्च तकनीक से लैस अभियान
अमेरिका का यह सैन्य अभियान अमेरिका के इतिहास के सबसे सटीक और उच्च तकनीक से लैस अभियानों में से एक माना जा रहा है। इस ऑपरेशन को अंजाम देने कै लिए जिन प्रमुख हथियारों और सैन्य संसाधनों का उपयोग किया, वे इस प्रकार हैं:
6 B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर विमान, 2 वर्जीनिया/एलए-क्लास न्यूक्लियर पनडुब्बियां, 12 GBU-57 'बंकर-बस्टर' बम, 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें, F-22 रैप्टर्स और F-35 लाइटनिंग II ।
ईरान और विश्व के अन्य देशों की प्रतिक्रिया
ईरान ने अमेरिकी हमले को अमेरिका की आक्रामकता बताते हुए जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है । ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि, अगर अमेरिका इस लड़ाई में कूदेगा, तो यह बेहद खतरनाक होगा। अब युद्ध शुरू हो चुका है।
ईरान की सेना ने अपने सभी सैन्य अड्डों को हाई अलर्ट पर रख दिया है और कहा है कि हम अब पीछे नहीं हटेंगे। आशंका जताई जा रही है कि ईरान अब पश्चिम एशिया में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकता है ।
अमेरिका के इस हमले ने दुनिया भर में हलचल मचा दी है । संयुक्त राष्ट्र संघ ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है । भारत ने भी सभी पक्षों से शांति और संवाद की अपील की ।
रूस और चीन ने ईरान पर हमला करने के लिए अमेरिका की आलोचना की है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है । वहीं इजरायल और सऊदी अरब ने हमले का समर्थन किया और इसे 'ज़रूरी कार्रवाई' बताया।