मां गंगा का गोद लिया पुत्र जब पहाड़ी टोपी, मफ़लर और सफ़ेद लिबास में उनके मायके मुखबा पहुंचा तो वहां उनका भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान उत्तरकाशी के इस सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। मुखबा के लोगों के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर बन गया, जब पहली बार देश के किसी प्रधानमंत्री ने उनकी खैर-खबर ली। यहां पहुंच कर प्रधानमंत्री मोदी ने मां गंगा की पूजा अर्चना की, हर्षिल घाटी के सौंदर्य को देखा और लोगों को संबोधित भी किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंच पर गंगा मइया के जयकारे के साथ अपने भाषण की शुरुआत की। गंगा मइया के जयकारे के साथ ही अपने भाषण का समापन भी किया । इस दौरान प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड की खुशहाली का जो रोडमैप बताया उसमें वर्तमान में चल रहे कार्यक्रमों के साथ-साथ भविष्य की योजनाओं का जिक्र रहा।
पहली बार हुई उत्तराखंड की ऐसी ब्रांडिंग

मां गंगा की शीतकालीन गद्दी से प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड की जैसी ब्रांडिंग की वह अद्वितीय है। वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आग्रह पर राज्य में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पहुंचे थे।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये खासियत है कि बड़ी-बड़ी ब्रांडिंग और मार्केटिंग कंपनियां जो काम करोड़ों रुपये खर्च कर भी नहीं कर पाते, प्रधानमंत्री की एक अपील से वो काम हो जाता है। यदि वो खुद वहां पहुंच जाएं और एक अपील भर कर दें, तब तो सोने पे सुहागा मानिए ।
पिछले दस साल के दौरान पूरी दुनिया ने देखा है कि प्रधानमंत्री जहां भी जाते हैं अपनी दूरदृष्टि और करिश्माई व्यक्तित्व की ऐसी छाप छोड़ते हैं, जिसका असर लंबे समय तक रहता है।
राष्ट्र प्रथम का उद्घोष और देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले देशवासियों के साथ आत्मीय संबंध स्थापित कर उनसे सीधा संवाद करने की अद्भुत क्षमता पीएम मोदी को अब तक के प्रधानमंत्रियों से बहुत आगे ले जाती है।
देश की बहुतायत जनता न सिर्फ अपने इस नायक पर भरोसा करती है बल्कि राष्ट्रहित में उसके एक आह्वान पर घर से निकल पड़ने को भी तैयार रहती है। उत्तराखंड की इस यात्रा के दौरान भी पीएम मोदी का यही करिश्मा दिखा।
उत्तराखंड के हर्षिल में प्रधानमंत्री के पहुंचने भर से न सिर्फ यह क्षेत्र दुनिया भर की नजरों में आ गया बल्कि उन्होंने लोगों से जो अपील की है और क्षेत्र में पर्यटन को आगे ले जाने का जो रास्ता दिखाया है, उसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे ।
पीएम मोदी का उत्तराखंड के दशक वाला उद्घोष

जब उत्तराखंड के विकास की बात आई तो प्रधानमंत्री ने शुरुआत अपने एक संस्मरण से की। उन्होंने कहा, “ कुछ साल पहले जब मैं बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए, बाबा के चरणों में गया था, तो दर्शन-अर्चन के बाद मेरे मुंह से अचानक कुछ भाव प्रकट हुए थे, और मैं बोल पड़ा था- ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा।
वो शब्द मेरे थे, भाव मेरे थे, लेकिन उनके पीछे सामर्थ्य देने की शक्ति स्वयं बाबा केदारनाथ ने दी थी। मैं देख रहा हूँ, बाबा केदार के आशीर्वाद से धीरे-धीरे वो शब्द, वो भाव सच्चाई में, हकीकत में बदल रहे हैं। ये दशक उत्तराखंड का बन रहा है। “
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन आकांक्षाओं को लेकर उत्तराखंड का जन्म हुआ था, उत्तराखंड के विकास के लिए जो संकल्प हमने लिए थे, वो आज पूरे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि शीतकालीन पर्यटन एक और बड़ा महत्वपूर्ण कदम है, जिसके माध्यम से उत्तराखंड की आर्थिक खुशहाली का मार्ग प्रशस्त होगा।
उत्तराखंड के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर बन गए पीएम मोदी

उत्तराखंड और प्रधानमंत्री मोदी के बीच का नाता काफी गहरा है. नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले केदारनाथ के करीब पहाड़ों पर ध्यान साधना की है। कहा जाता है कि नरेंद्र ने युवावस्था में ही घर छोड़ दिया था।
इसके बाद वो शांति और ईश्वर की तलाश में करीब तीन साल तक हिमालय की पहाड़ियों में रहकर तप और साधना करते रहे। तब उन्होंने केदारनाथ में भी काफी वक्त गुजारा था। बताया जाता है कि इसी दौरान किसी साधु ने उन्हें समाज-सेवा करने की सलाह दी, जिसके बाद नरेंद्र मोदी वापस गुजरात लौट आए।
2019 में जब वो प्रधानमंत्री थे तब भी केदारनाथ के करीब गुफा में ध्यान साधना करने पहुंचे थे । चुनावों के फ़ौरन बाद उन्होंने भोले बाबा की साधना की और एक संकल्प ले लिया उत्तराखंड में विकास का, उत्तराखंड की तरक़्क़ी का और जब 6 मार्च को वो वहाँ पहुँचे तो उसकी घोषणा भी कर दी।
उत्तराखंड से पीएम मोदी का नाता समझना हो तो आपको कैलेंडर की तारीख़ों को थोड़ा पीछे ले जाना होगा। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से पीएम मोदी 9 बार उत्तराखंड जा चुके हैं ।

साल 2025 में ही प्रधानमंत्री ने दो बार उत्तराखंड का दौरा किया। पीएम मोदी 20 अक्टूबर 2017 को केदारनाथ गए थे । 7 नवम्बर 2018 को वो दूसरी बार केदारनाथ पहुंचे और 19 मई 2019 को पीएम मोदी तीसरी बार केदारनाथ पहुंचे थे ।
5 नवम्बर 2021 को प्रधानमंत्री मोदी चौथी बार केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे। इसके बाद 21 अक्टूबर 2022 को केदारनाथ और बदरीनाथ के दर्शन किए। 12 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री मोदी ने मानसखंड का दौरा किया।
8 दिसम्बर 2023 को प्रधानमंत्री उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शामिल हुए और 28 जनवरी 2025 को देहरादून पहुंचकर नेशनल गेम्स का उद्घाटन किया ।

प्रधानमंत्री ने बनाया उत्तराखंड के उत्थान का रोडमैप
पीएम मोदी ने कहा कि वो चाहते हैं कि उत्तराखंड की पावन देवभूमि पर साल भर पर्यटकों का आना जारी रहे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लिए जरूरी है कि टूरिज्म सेक्टर को डाइवर्सीफाई किया जाए और इसे बारहमासी बनाया जाए ।
प्रधानमंत्री ने कहा, “ मैं चाहता हूं कि उत्तराखंड में कोई भी सीजन, ऑफ सीजन ना हो, हर सीजन में टूरिज्म ऑन रहे। अब ऑफ नहीं ऑन का जमाना है। “ दरअसल पहाड़ों पर सीजन के हिसाब से पर्यटन चलता है। गर्मियों में तो यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं , परन्तु सर्दियों में उनकी संख्या काफी कम हो जाती है । इस दौरान पर्यटन उद्योग से जुड़े रोजगार में भी काफी कमी आ जाती है ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, देश-विदेश के लोगों को सच्चे अर्थ में देवभूमि की आभा का वास्तविक परिचय तभी मिलेगा जब वो सर्दियों के मौसम में यहाँ आएंगे ।
दिव्य अनुभूतियों से जुड़ने का अवसर देगा बारहमासी पर्यटन
प्रधानमंत्री ने कहा कि विंटर टूरिज्म में उत्तराखंड आने वाले लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी Activities का रोमांच तो मिलेगा ही, इसके साथ-साथ अध्यात्मिक अनुभव भी मिलेगा।धार्मिक यात्रा के लिए भी उत्तराखंड में सर्दियों का समय बेहद खास होता है। उन्होंने कहा कि कई तीर्थ स्थलों पर इसी समय विशेष अनुष्ठान भी होते हैं।यहां मुखवा गांव में ही देखिए, यहाँ जो धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है, वो हमारी प्राचीन और अद्भुत परंपरा का हिस्सा है। इसलिए, उत्तराखंड सरकार का बारहों मास वाले पर्यटन का विजन,लोगों को दिव्य अनुभूतियों से जुड़ने का अवसर देगा। इससे यहां साल भर रोजगार के अवसर भी विकसित होंगे ।
मिलकर काम कर रही डबल इंजन सरकार
मुखवा से ही मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम जाती है । इस बार 30 अप्रैल को गंगोत्री के कपाट खुलेंगे । 2014 से पहले चार धाम यात्रा पर औसतन 18 लाख यात्री आते थे, जबकि 2024 में औसतन 50 लाख तीर्थयात्री उत्तराखंड पहुंच रहे हैं ।

उत्तराखंड में पिछले दस सालों के दौरान होने वाले विकास का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस देवभूमि को विकसित राज्य बनाने के लिए हमारी डबल इंजन सरकार मिलकर काम कर रही हैं।
चारधाम-ऑल वेदर रोड, आधुनिक एक्सप्रेस-वे, राज्य में रेलवे, विमान औऱ हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार जैसे कार्य काफी तेजी से हो रहे हैं । उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लिए केंद्र सरकार ने बहुत बड़े निर्णय लिए हैं। केंद्रीय कैबिनेट ने केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट और हेमकुंड रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। केदारनाथ रोपवे बनने के बाद जो यात्रा 8 से 9 घंटे में पूरी होती है, अब उसे लगभग 30 मिनट में पूरा किया जाएगा। इससे बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं के लिए केदारनाथ यात्रा और सुगम हो जाएगी। इन रोप-वे प्रोजेक्ट्स पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए चुनने की अपील

पीएम मोदी ने युवाओं से भी अपील की कि वो विदेशों की बजाय उत्तराखंड को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए चुनें।साथ ही उन्होंने कम्पनियों से भी बिजनेस मीटिंग्स और इवेंट्स के लिए उत्तराखंड को चुनने की अपील की। यही बात उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से भी कही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सर्दियों में जब देश के बड़े हिस्से में कोहरा होता है और सूर्यदेव के दर्शन नहीं होते हैं , तब पहाड़ों पर धूप का आनंद मिल रहा होता है। इसलिए ये एक स्पेशल इवेंट बन सकता है । इसी तरह सभी साधु-महात्माओं , मठों-मंदिरों के मठाधिपतियों और योगाचार्यों से भी प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में योगा कैंप लगाने का अनुरोध किया है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि पहाड़ों पर इको लॉग हॉट्स , कंवेंशन सेंटर और हैलीपैड इंफ्रास्टक्चर पर फोकस किया जा रहा है । इसके साथ ही 1962 में भारत -चीन युद्ध के समय खाली कराये गए नेलांग और जादुंग गांव को फिर से बसा कर टूरिस्ट डेस्टीनेशन के रुप में विकसित किया जा रहा है ।
पीएम ने बिना खर्चे के विज्ञापन का फॉर्मूला भी बताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर्षिल में कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 360 डिग्री एप्रोच के साथ बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ सुविधाओं का विकास ही काफी नहीं है बल्कि लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाना भी उतना ही जरूरी है । इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार को बड़े काम का सुझाव भी दिया है। पीएम ने कहा कि राज्य सरकार सोशल मीडिया के कंटेंट क्रिएटर्स, इनफ्लूएंसर्स की मदद ले सकती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार टूरिज्म के प्रमोशन के लिए आकर्षक इनाम के साथ शॉर्ट फिल्म कंपीटिशन का आयोजन कर सकती है। इससे बड़ी संख्या में लोग नई-नई जगहों को एक्सप्लोर कर नई-नई फिल्में बनाएंगे, जो लोगों तक जानकारी पहुंचाएगी।
लेखक -अरविंद चतुर्वेदी,वरिष्ठ पत्रकार और लेखक है ।
अरविंद चतुर्वेदी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है ।
(द रियल मोदी ,मोदी का बनारस ,माँ हीराबेन और नरेंद्र)