अखिलेश बर्क को बचाएँगे या नवाब पर लगाएँगे दांव ?

Authored By: News Corridors Desk | 22 Jun 2025, 07:00 PM
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जियाउर्रहमान बर्क और नवाब इक़बाल महमूद , ये दो नाम ऐसे हैं समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं और संभल की राजनीति के बेहद अहम किरदार हैं । बर्क संभल के सांसद हैं और नवाब विधायक । मुलायम सिंह यादव से लेकर अखिलेश यादव तक बर्क परिवार को ज़्यादा भाव देते आए हैं ।  पहले दादा शफीकुर्रहमान बर्क को टिकट मिलता था और अब उनके निधन के बाद उनके पोते जियाउर्रहमान बर्क को टिकट दिया गया । 

नवाब इक़बाल महमूद की राजनीतिक पारी भी काफी लंबी रही है । वह कुल सात बार विधायक रहे चुके हैं । इसके साथ ही वह मंत्री भी रह चुके हैं । 1996 के बार से वह विधायकी का कोई चुनाव हारे नहीं हैं । लेकिन इसके बावजूद समाजवादी पार्टी में उन्हे वो हैसियत हासिल नहीं हो सकी जो वर्क परिवार को है । 

संभल में दोनों परिवारों के बीच राजनैतिक वचर्स्व की जोरदार लड़ाई भी चलती है । इसीलिए जैसे ही संभल हिंसा की चार्जशीट दाखिल हुई और उसमें जियाउर्रहमान बर्क को मुख्य आरोपी बनाया गया उसके बाद से संभल की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई । क्षेत्र में चर्चा गरम हो गई कि क्या अब नवाब इक़बाल महमूद इस मौक़े का फ़ायदा उठाकर अपना क़द बढ़ाएँगे ।

जियाउर्रहमान बर्क पर कैसे कसता जा रहा है शिकंजा ?

 पिछले साल संभल में मस्जिद परिसर के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद हालात काफी तेजी से बदले हैं । पुलिस और SIT के मुताबिक़ जियाउर्रहमान बर्क संभल हिंसा के मुख्य आरोपी हैं । आरोप के मुताबिक उन्होंने नमाज के बाद सर्वे रोकने के लिए लोगों को उकसाया, जिससे हिंसा भड़की ।

सुनियोजित हिंसा में  4 लोगों की मौत हुई, 29 पुलिसकर्मी घायल हुए । हिंसा में दुबई के गैंगस्टर शारिक साठा का हाथ सामने आया जिसे जियाउर्रहमान बर्क द्वारा संरक्षण संरक्षण देने की बात कही जा रही है । इसके अलावा 2024 में प्रचार के दौरान, बर्क पर भड़काऊ भाषण देने और आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप है

सबसे हैरानी की बात ये है कि संभल हिंसा में नवाब इकबाल महमूद और उनके बेटे सुहैल इकबाल पर भी FIR दर्ज हुई थी । सुहैल पर भीड़ को उकसाने और हिंसा के दौरान पुलिस पर हमला करने का आरोप है । लेकिन अब उन्हें इस मामले से बरी कर दिया गया है । जाहिर है इक़बाल महमूद और उनका परिवार इस मौक़े का फ़ायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं ।

इसका कारण समझने के लिए पुलिस के एक बयान पर गौर करना जरूरी है । पुलिस के मुताबिक शारिक साठा गैंग से जुड़े मो. गुलाम ने साल 2014 में सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर गोली चलाई थी । संभल हिंसा की साज़िश के पीछे भी उसी साठा का नाम आ रहा है । 

 बर्क और इकबाल महमूद के बीच लंबे समय से चल रहा टकराव

जियाउर्रहमान बर्क और इकबाल महमूद के बीच संभल में लंबे समय से टकराव चल रहा बताया जाता है ।  2023 में बर्क ने तीखा हमला करते हुए इकबाल को एक्सीडेंटल विधायक कहा था । हालाँकि 2024 में बर्क को टिकट मिलने पर अखिलेश के लिए आम तौर पर दुश्मनी निभाने वाले दोनों परिवार एक मंच पर आ गए थे ताकि मुस्लिम वोट न बंटे ।

अब माना जा रहा है कि अगर संभल हिंसा मामले में बर्क पर कानून का शिकंजा कसता है , तो इकबाल महमूद इसे अपने पक्ष में भुनाकर सपा के भीतर और संभल में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकते हैं । ऐसा संभव भी है क्योंकि बर्क पर लगे गंभीर आरोपों के कारण सपा नेतृत्व उनकी जगह इकबाल को अधिक महत्व दे सकता है ।