वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे एक्टर थलापति विजय, 16 अप्रैल को होगी सुनवाई

Authored By: News Corridors Desk | 14 Apr 2025, 11:01 AM
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देशभर में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को लेकर जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है। विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और दिल्ली जैसे राज्यों में इस कानून के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन और हिंसक झड़पें हो रही हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि यह विधेयक मुसलमानों के अधिकारों को कमजोर करने की कोशिश है।

थलापति विजय की सुप्रीम कोर्ट में एंट्री

साउथ सिनेमा के सुपरस्टार और अब नेता बन चुके थलापति विजय ने भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है। उनकी पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम शुरू से ही इस विधेयक का विरोध कर रही है। विजय अब स्वयं सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने इस कानून को संविधान के खिलाफ बताया है। विजय की दलील है कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।

सुप्रीम कोर्ट में दर्जनों याचिकाएं लंबित

वक्फ अधिनियम 2025 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अब तक कई याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं। इनमें प्रमुख याचिकाकर्ताओं में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्ला खान, एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, अरशद मदनी, राजद नेता मनोज झा आदि शामिल हैं। इन सभी याचिकाओं पर 16 अप्रैल 2025 को सुनवाई होनी है।

संसद में पारित होने के दौरान भी हुआ था जमकर हंगामा

जब यह विधेयक संसद में पेश किया गया, तब भी विपक्षी दलों ने भारी विरोध दर्ज किया था। राज्यसभा में इस विधेयक के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े, जबकि लोकसभा में 288 सांसदों ने विधेयक का समर्थन किया और 232 ने विरोध। बावजूद इसके, विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गया।

विपक्ष और विभिन्न सामाजिक संगठनों का मानना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों को सरकार के नियंत्रण में लाने की कोशिश है, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक और सामाजिक स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है। उनका कहना है कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग समुदाय के कल्याण के लिए किया जाता रहा है, और इस कानून से उन पर सरकारी अंकुश लग सकता है।

अब सबकी नजर 16 अप्रैल को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी है, जहां यह तय होगा कि यह कानून संविधान के अनुरूप है या नहीं। थलापति विजय जैसे चर्चित चेहरों के आने से यह मुद्दा अब और भी व्यापक चर्चा का विषय बन गया है।