शशि थरूर ने पीएम मोदी की फिर की तारीफ, बताया 'प्राइम एसेट'

Authored By: News Corridors Desk | 23 Jun 2025, 06:11 PM
news-banner

कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता डॉ. शशि थरूर एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार वजह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ। ‘द हिंदू’ में प्रकाशित एक लेख में थरूर ने पीएम मोदी की ऊर्जा, वैश्विक संवाद क्षमता और बहुआयामी व्यक्तित्व को भारत की ‘प्राइम एसेट’ (मुख्य पूंजी) करार दिया है। ऐसे समय में जब कांग्रेस मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठा रही है, थरूर का यह बयान पार्टी के भीतर भविष्य की मुश्किलों का संकेत दे सकता है।

पीएम मोदी की ऊर्जा और कूटनीतिक संवाद को सराहा

अपने लेख में शशि थरूर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की सैन्य और कूटनीतिक रणनीति की तारीफ करते हुए लिखा:

"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा, उनका बहुआयामी व्यक्तित्व और संवाद की तत्परता वैश्विक मंच पर भारत के लिए अहम पूंजी बनी हुई है।"

थरूर ने यह भी कहा कि इस पूंजी को और अधिक सहयोग और समर्थन की आवश्यकता है। उन्होंने यह टिप्पणी उस संदर्भ में की है जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद निर्णायक सैन्य कार्रवाई की थी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अपने पक्ष में करने के लिए कूटनीतिक प्रयास भी किए थे।

विदेश नीति पर थरूर का समर्थन और कांग्रेस की असहजता

शशि थरूर का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार की विदेश नीति पर हमला कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि भारत विश्व मंच पर अलग-थलग पड़ता जा रहा है और कूटनीतिक संबंध कमजोर हो गए हैं। मगर थरूर ने लिखा:

"ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की राजनयिक सक्रियता ने साबित कर दिया कि देश एकजुट होकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रभावी और स्पष्ट रूप से अपनी बात रख सकता है।"

थरूर की यह टिप्पणी न सिर्फ सरकार के दृष्टिकोण का समर्थन करती है, बल्कि कांग्रेस की आलोचना को अप्रत्यक्ष रूप से खारिज भी करती है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल में थरूर की भूमिका

थरूर हाल ही में भारतीय सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ अमेरिका, ब्राजील, कोलंबिया, गुयाना और पनामा जैसे देशों के दौरे पर थे। उन्होंने इस दौरे को ‘सार्वजनिक कूटनीति का गहन दौर’ करार देते हुए बताया कि:

"यह अनुभव हमें यह समझने का अवसर देता है कि कूटनीतिक प्रयास केवल सरकार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सर्वदलीय प्रतिनिधित्व और राष्ट्रहित में संवाद भी उतना ही जरूरी है।"

क्या थरूर-कांग्रेस के रिश्तों में आएगी दरार?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शशि थरूर के बयान कांग्रेस के लिए सियासी संकट का कारण बन सकते हैं। पहले भी थरूर ने पीएम मोदी की अंतरराष्ट्रीय छवि की तारीफ की थी, जिससे पार्टी के भीतर असहमति की स्थिति बनी थी। अब एक बार फिर उन्होंने न सिर्फ मोदी की तारीफ की है, बल्कि कांग्रेस के सरकार विरोधी विमर्श से अलग लाइन भी ले ली है।

कई कांग्रेस नेताओं को यह डर सता रहा है कि थरूर की ऐसी टिप्पणी पार्टी की एकजुटता पर असर डाल सकती है और विपक्षी दलों को कांग्रेस पर हमला करने का मौका मिल सकता है।