उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्थित आईआईएमटी यूनिवर्सिटी में कुछ छात्रों द्वारा ग्रुप में नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू संगठन के नेता सचिन सिरोही ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है और कार्रवाई की मांग की है। वहीं, यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों के समर्थन में खड़ा नजर आ रहा है।
क्या है पूरा मामला?
रमजान के दौरान आईआईएमटी यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने कैंपस में ग्रुप में नमाज अदा की। इस दौरान किसी ने उनका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जो तेजी से वायरल हो गया। इस वीडियो के सामने आते ही हिंदू संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया।
सचिन सिरोही ने क्या कहा?
हिंदू संगठन के नेता सचिन सिरोही ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी कैंपस में पहले से ही नमाज पढ़ी जा रही है, जो गलत है। उन्होंने सवाल उठाया कि "अगर पब्लिक प्लेस पर हनुमान चालीसा पढ़ने पर आपत्ति हो सकती है, तो यहां नमाज क्यों पढ़ी जा रही है?" उन्होंने प्रशासन से इस पर कार्रवाई करने की मांग की और चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो हिंदू संगठन आंदोलन करेंगे।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दी सफाई
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके संस्थान में सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है और नमाज पढ़ना कोई अपराध नहीं है। हालांकि, प्रशासन ने यह भी कहा कि इस मामले में उचित निर्णय लिया जाएगा ताकि किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचे।
वायरल वीडियो में क्या है?
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कुछ छात्र खुले मैदान में नमाज पढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। किसी ने उनके पीछे से यह वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे शेयर कर दिया। यह वीडियो खालिद प्रधान नाम के एक व्यक्ति ने पोस्ट किया, जिसके बाद यह वायरल हो गया और विवाद शुरू हो गया।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे विवाद
मेरठ का यह मामला पहला नहीं है, जब किसी सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढ़ने को लेकर विवाद हुआ हो। हाल ही में फिरोजाबाद के 100 शैया अस्पताल में भी एक व्यक्ति द्वारा कोने में नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ था। इस घटना के बाद हिंदू संगठनों ने विरोध किया और अस्पताल प्रशासन को जांच के आदेश देने पड़े थे।
पुलिस का क्या कहना है?
फिलहाल, मेरठ पुलिस ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, सोशल मीडिया पर बढ़ते विवाद को देखते हुए पुलिस इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। अगर कोई कानूनी शिकायत दर्ज होती है तो पुलिस उचित कार्रवाई कर सकती है।