कला का संसार जितना व्यापक है, इसका बाजार भी उतना ही बड़ा है । दुनिया भर में ऐसे कलाप्रेमियों की कमी नहीं है जो कलाकृतियों पर करोड़ों रुपये खर्च करने में भी नहीं हिचकते। लेकिन दूसरे धंधों की तरह यहां भी घोटालों की कमी नहीं है । कई बार लाखों रुपये की कलाकृति खरीदने के बाद पता चलता है कि वह नकली है ।
ठगे जाने के बाद कई लोग पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हैं लेकिन उससे बहुत ज्यादा लोग किन्ही कारणों से चुप बैठ जाते हैं । कई लोगों को तो पता ही नहीं चल पाता है कि उन्होने जो कलाकृति खरीदी है वह असली है भी या नहीं ।
इसलिए यदि आप भी कलाप्रेमी हैं और कलाकृतियों के संग्रह का शौक रखते हैं तो खरीददारी करते वक्त इस बात का पूरा ध्यान रखें कि आप असली कलाकृति खरीद रहे हैं।
फेक आर्ट स्कैम कला उद्योग की बड़ी समस्या
ऐसा नहीं है कि फेक आर्ट स्कैम आज की समस्या है । आर्ट इंडस्ट्री में यह काफी समय से चला आ रहा है । दुनिया भर में इसका तंत्र फैला हुआ है । क्योंकि इसमें करोड़ों के वारे-न्यारे होते हैं इसलिए बड़े ही संगठित तरीके से इसे चलाया जाता है ।
अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों अमेरिका में ऐसा ही एक मामला उजागर हुआ । अखबार की रिपोर्ट के अनुसार लॉस एंजिल्स के एक नीलामीकर्ता ने धोखाधड़ी की बात स्वीकार की थी ।
नीलामीकर्ता ने बताया कि किस तरह से उसने बेसकियाट की शैली में 25 पेंटिंग्स बनाई और उन्हें ऑरलैंडो, फ्लोरिडा की एक गैलरी में बेचा । लेकिन जब एक कंसल्टेंट ने एक पेंटिंग के पीछे फेडएक्स का लेबल देखा तो मामले का पर्दाफाश हो गया । उसमें एक ऐसा फॉन्ट था जो बेसकियाट की मौत के छह साल बाद पहली बार पेश किया गया था ।
आर्ट गैलरीज भी हो जाती है धोखाधड़ी का शिकार
कई बार धंधेबाज आम खरीददारों की तरह ही आर्ट गैलरी भी अपना निशाना बनाने से नहीं चुकते । अमेरिका में ऐसा ही एक केस सामने आया था जिसने वहां की आर्ट इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया था ।
चौंकाने वाली बात यह है कि घोटाला करीब 15 साल तक चलता रहा और करीब 60 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ । आर्ट गैलरी भी नई नहीं बल्कि 165 साल पुरानी थी । 1995 में न्यूयॉर्क की इस आर्ट गैलरी को मशहूर शख्सियतों के नाम से बेची गई लेकिन बाद में पता चला कि इन्हे तो किसी और शख्स ने बनाया था और विभिन्न पदार्थों का उपयोग करके उन्हे इस तरह से गंदा किया ताकि वो काफी पुराना दिखे ।
कलाकृति खरीदते वक्त धोखाधड़ी से कैसे बचें ?
जब भी कोई कलाकृति खरीदें तो उनकी प्रमाणिकता को जरूर जांच लें । इसके लिए पहले तो कलाकृति और कलाकार के बारे में रिसर्च करें । यदि आप खुद कला की बारीक समझ नहीं रखते हैं तो कलाकारों और कला विशेषज्ञों की राय लेना भी काफी उपयोगी साबित होगा ।
जिस आर्ट गैलरी से खरीददारी कर रहे हैं वहां से भी उस कृति और उसके पूराने मालिकों के बारे में जानकारी इकट्ठा करें । कई आर्ट गैलरीज अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी कई तरह की जानकारी मुहैया कराती है ।
मशहूर नीलामी घर क्रिस्टी ने अपनी वेबसाइट पर पेंटिंग के विभिन्न पहलुओं और उनके बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए एक विस्तृत मार्गदर्शिका दी है । क्रिस्टी कैटलॉग रेजन का उपयोग करके हस्ताक्षरों को क्रॉस चेक करती है । कई कला विशेषज्ञ भी तकनीकी उपकरणों का उपयोग करके नकल में उन बिंदुों को को उजागर करते हैं, जो नंगी आंखों से दिखाई नहीं देतीं ।