चावल को एकादशी ने दिया था श्राप, इस दिन इसका सेवन है वर्जित

Date: 2025-03-13
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सनातन धर्म में एकादशी तिथि का बड़ा ही धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। प्रत्येक माह में दो एकादशी तिथि आती है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। इस प्रकार से पूरे वर्ष में 24 एकादशी तिथि होती है। धार्मिक मान्यता अनुसार एकादशी का व्रत नियम और निष्ठा से करने से सभी पापों का नाश होता है। शास्त्रों में एकादशी व्रत को लेकर कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, इस दिन चावल खाना वर्जित माना जाता है। एकादशी के एक दिन पहले और एकादशी के दिन चावल लोग नहीं खाते हैं, आखिर चावल में ऐसा क्या होता है जो एकादशी के दिन खाने से लोग परहेज करते हैं। हम आपको इससे जुड़ी मान्यताओं के बारे में विस्तार से बताएंगे। 

एकादशी के दिन चावल न खाने का धार्मिक कारण

धार्मिक कथाओं के अनुसार जो लोग एकादशी के दिन चावल ग्रहण करते हैं उन्हें अगले जन्म में रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म मिलता है। जो लोग इस दिन भोजन में चावल को शामिल करते हैं, उसे मांस के सेवन के बराबर माना जाता है। 

सबसे पहले एकादशी को जानते हैं। आपको बता दें कि एकादशी माता का जन्म उत्पन्ना एकादशी पर हुआ था। एकादशी एक देवी थी, जिनका जन्म भगवान विष्णु से हुआ था। उन्होंने असुरों को मारने में भगवान विष्णु की मदद की। इस पर भगवान विष्णु प्रसन्न हुए और वरदान मांगने को कहा, इस पर कन्या ने मांगा कि अगर कोई मनुष्य मेरा उपवास करे तो उसके सारे पाप नाश हो जाएंगे।  तब भगवान ने उस कन्या को एकादशी नाम दिया और वरदान दिया कि इस व्रत के पालन से मनुष्य जाति के पापों का नाश होगा और उन्हें विष्णु लोक मिलेगा। 

अनिरूद्धाचार्य महाराज जी ने इस विषय में एक कथा सुनाई सुनाई थी। उनके अनुसार जब विष्णु जी ने एकादशी से सभी पापों को नष्ट करने के लिए कहा। जब एकादशी सभी पाप नष्ट करने चली तो कुछ पाप चावल में छिप गए। इससे नाराज एकादशी ने चावल को श्राप दिया कि तुमने चावल को स्थान दिया है, इसलिए तुम्हें इस दिन कोई नहीं खाएगा। ऐसा कहा जाता है इस दिन सभी पाप चावल में होते हैं और यही वजह है कि एकादशी पर चावल नहीं खाए जाते। लेकिन जो व्रत रखते हैं, उन्हें अगले दिन व्रत का पारण चावल खाकर ही करना चाहिए। तभी व्रत संपूर्ण होता है। 

एकादशी के दिन चावल न खाने का वैज्ञानिक कारण

वहीं विज्ञान के अनुसार, चावल में पानी की मात्रा अधिक पाई जाती है। पानी पर चंद्रमा का अधिक प्रभाव होता है। एकादशी के दिन चावल का सेवन करने से मन चंचल हो सकता है, जिसकी वजह से आपका ध्यान पूजा-अर्चना में नहीं लग पाएगा। इसलिए इस दिन चावल खाने की मनाही है।