होलिका दहन पर गलती से भी न करें ये काम, हो सकती है परेशानी

Date: 2025-03-13
news-banner
होली का त्योहार रंगों और खुशियों का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इससे एक दिन पहले होलिका दहन की परंपरा निभाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन कुछ गलतियां करने से जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। शास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन का सही विधि-विधान से होना बहुत जरूरी है। अगर इस दौरान कुछ गलतियां की जाएं, तो इसका अशुभ प्रभाव जीवन पर पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि होलिका दहन के दौरान किन गलतियों से बचना चाहिए।

 गलत समय पर न करें होलिका दहन

होलिका दहन शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए। पंचांग के अनुसार, अगर गलत समय पर होलिका दहन किया जाता है, तो यह शुभ फल देने के बजाय अशुभ प्रभाव डाल सकता है। भद्रा काल में होलिका दहन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।

 होलिका दहन में उपयोग न करें गलत सामग्री

कुछ लोग होलिका में ऐसे पदार्थ डाल देते हैं जो अपवित्र माने जाते हैं, जैसे प्लास्टिक, रबर, चमड़ा या कोई अन्य हानिकारक वस्तु। ऐसा करना न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी गलत माना जाता है। होलिका दहन में केवल गाय के गोबर से बने कंडे, लकड़ी, गंगाजल, हल्दी, नारियल और नई फसल के अन्न आदि ही डालने चाहिए।

 घर के किसी सदस्य को अकेले न भेजें

होलिका दहन में घर के सभी सदस्यों को मिलकर शामिल होना चाहिए। इसे शुभ माना जाता है और इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अकेले किसी एक व्यक्ति को होलिका दहन के लिए भेजना अशुभ माना जाता है।

होलिका की राख का अनादर न करें

होलिका दहन के बाद उसकी राख को अपवित्र स्थान पर फेंकना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस राख को तिलक के रूप में लगाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।

किसी का अपमान न करें

होली मेल-मिलाप का त्योहार है, इसलिए इस दिन किसी से लड़ाई-झगड़ा या कटु वचन बोलने से बचना चाहिए। होलिका दहन के समय किसी का अपमान करने से जीवन में कठिनाइयां आ सकती हैं।

होलिका दहन केवल एक परंपरा नहीं बल्कि नकारात्मकता को जलाने और सकारात्मकता को अपनाने का प्रतीक है। अगर सही विधि-विधान और शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया जाए और इन गलतियों से बचा जाए, तो यह जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाने में मदद करता है।