कर्मकांड कराने वालों के लिए महाकुंभ बना वरदान

Date: 2025-03-13
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लखनऊ / प्रयागराज :  इस बार महाकुम्भ में आस्था, परंपरा और संस्कृति का जैसा संगम देखने को मिला वह अन्यत्र दुर्लभ है । इस बार देश और दुनिया से न सिर्फ करोड़ों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई बल्कि रिकॉर्ड बिजनेस भी दर्ज किया गया । महाकुंभ  समाज के हरेक वर्ग के लिए रोजगार का बड़ा अवसर लेकर आया । 

 योगी सरकार की बेहतरीन व्यवस्था औऱ धर्म-कर्म को बढ़ावा देने की नीति के चलते इस बार के महाकुम्भ में न केवल देश बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे । 

बड़ी संख्या में कनाडा, मॉरीशस, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और रूस जैसे देशों में बसे अप्रवासी भारतीय त्रिवेणी में पवित्र डुबकी लगाने तीर्थराज प्रयाग आए । अपने पूर्वजों के मोक्ष और अपने पितरों की मुक्ति के लिए धार्मिक कर्मकाण्ड भी करते दिखे । 

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इनमें से कई लोग गंगा में प्रवाहित करने के लिए अपने पूर्वजों की अस्थियां भी लेकर आए । इससे यहां के प्रयागवाल, ब्राह्मण, पुरोहित और पंडा सिर्फ महाकुम्भ के दौरान सालभर से ज्यादा का काम कर गए । 

अप्रवासियों की संख्या अचानक बढ़ने के कारण प्रयागराज के घाटों पर प्रयागवाल, ब्राह्मण, पुरोहित और पंडों के पास श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं । कर्मकाण्ड कराने वालों के लिए यह महाकुम्भ रोजगार का एक बड़ा अवसर बनकर आया । 

योगी सरकार की पहल से पंडा-पुरोहितों के पास लंबी कतारें

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श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने के साथ-साथ योगी सरकार ने पुरोहितों और पंडों के लिए भी जरूरी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराईं थी ताकि किसी को परेशानी न हो । महाकुंभ के दौरान संगम तट पर ब्राह्मण, पुरोहित और पंडा के पास श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं । 

बड़ी संख्या में लोग पिंडदान, तर्पण और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करते दिखे । अप्रवासियों की संख्या बढ़ने से कर्मकाण्ड कराने वालों को भी रोजगार के खूब अवसर मिले । प्रयागराज के प्रयागवाल सुब्रह्मण्यम शास्त्री उर्फ चारी जी के अनुसार मेले में योगी सरकार के रात दिन चल रहे नवनिर्माण को देखकर स्थानीय लोगों के साथ-साथ अप्रवासियों में भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिला ।

संगम तट पर धार्मिक कार्यों का कुशल प्रबंधन

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महाकुम्भ में उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना समेत देश के हर हिस्से से श्रद्धालु पहुंचे ।
इस दौरान संगम तट पर धार्मिक अनुष्ठानों के लिए सुनियोजित टीम वर्क देखने को मिला । श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुरोहितों ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ कर्मकाण्ड कराए। ब्राह्मण पंकज पांडे ने बताया कि इस दौरान पुरोहितों को भी श्रद्धालुओं से दान और दक्षिणा प्राप्त हुई। जिससे बड़ी संख्या में लोगों की आय में वृद्धि हुई।