क्या आपने कभी सोचा है कि भारत का रेलवे कितना तेज़ी से बदल रहा है? अब सुनिए एक ऐसा आंकड़ा, जो वाकई चौंका देगा और गर्व से भर देगा.रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुलासा किया है कि सिर्फ एक साल में भारत ने जितना रेलवे ट्रैक बिछाया है, उतना पूरा स्विट्जरलैंड का रेलवे नेटवर्क है!जी हाँ, 2024-25 में भारत में 5300 किलोमीटर नया रेलवे ट्रैक बिछाया गया है — एक ऐसा कीर्तिमान, जो दुनिया को दिखा रहा है कि भारत अब सिर्फ तेजी से नहीं, बल्कि स्मार्ट तरीके से भी आगे बढ़ रहा है.
भारतीय रेलवे ने एक बार फिर दुनिया को अपनी प्रगति की रफ्तार दिखाई है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में वडोदरा के गति शक्ति विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में एक ऐसी उपलब्धि का खुलासा किया, जिसने हर भारतीय को गर्व से भर दिया. साल 2024-25 में भारत ने मात्र एक साल में 5300 किलोमीटर नया रेलवे ट्रैक बिछाया है, जो स्विट्जरलैंड के पूरे रेलवे नेटवर्क के बराबर है. यह आंकड़ा न केवल भारत की तकनीकी क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अब सिर्फ तेजी से नहीं, बल्कि स्मार्ट और सुनियोजित तरीके से आगे बढ़ रहा है.
टनल निर्माण में ऐतिहासिक उछाल
रेलवे की प्रगति सिर्फ ट्रैक बिछाने तक सीमित नहीं है. रेल मंत्री ने बताया कि टनल निर्माण में भी भारत ने अभूतपूर्व रिकॉर्ड बनाया है. साल 2014 से पहले भारत में केवल 125 किलोमीटर रेल टनल थे, लेकिन 2014 से 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 368 किलोमीटर हो गया है. यानी, पिछले एक दशक में टनल निर्माण में तीन गुना से ज्यादा की वृद्धि! यह उपलब्धि भारत की इंजीनियरिंग क्षमता और जटिल भौगोलिक चुनौतियों पर विजय का प्रतीक है.
‘मेक इन इंडिया’ से ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ तक
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि भारत अब रेलवे से जुड़ी तकनीकों – जैसे बोगियां, डिब्बे, इंजन और आधुनिक संचालन प्रणालियों – का एक वैश्विक निर्यातक बन चुका है. यह सब संभव हुआ है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विज़न के कारण. वडोदरा के सावली में स्थित अल्स्टॉम प्लांट इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां विश्वस्तरीय रेल उपकरणों का निर्माण हो रहा है. रेल मंत्री ने इस प्लांट का दौरा कर भारत की निर्माण शक्ति को और सशक्त करने का संदेश दिया.
गति शक्ति मिशन: प्रगति का नया इंजन
गति शक्ति विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी वर्चुअली शिरकत की और भारतीय रेलवे की इन उपलब्धियों की सराहना की. गति शक्ति मिशन के तहत भारत का रेलवे नेटवर्क न केवल देश के कोने-कोने को जोड़ रहा है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की तकनीकी और औद्योगिक ताकत को भी प्रदर्शित कर रहा है.
5300 किलोमीटर नए ट्रैक, 368 किलोमीटर टनल, और वैश्विक निर्यात के साथ भारतीय रेलवे आज एक नई ऊँचाई पर है. यह सिर्फ बुनियादी ढांचे की बात नहीं है, बल्कि यह भारत की उस इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प की कहानी है, जो हर चुनौती को अवसर में बदल रही है। जैसा कि रेल मंत्री ने कहा, “भारतीय रेलवे अब सिर्फ देश को नहीं जोड़ रहा, बल्कि दुनिया को भारत की ताकत दिखा रहा है.”