Parliament Monsoon Session Live Updates:संसद के मानसून सत्र के दौरान आज लोकसभा में "ऑपरेशन सिंदूर" पर चर्चा का दिन तय किया गया है. लेकिन जैसे ही सोमवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि लोकसभा को अब तक तीन बार स्थगित करना पड़ा है. हंगामा इतना ज्यादा रहा कि कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, कुछ ही मिनटों में बाधित हो गई.
सिर्फ लोकसभा ही नहीं, बल्कि राज्यसभा की कार्यवाही भी शोर-शराबे की भेंट चढ़ गई. दोनों सदनों की शुरुआत हंगामे के साथ हुई, जिससे सरकार और स्पीकर को कार्यवाही को आगे बढ़ाने में परेशानी का सामना करना पड़ा.
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
हालांकि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार की तरफ से आज महत्वपूर्ण चर्चा होनी थी. इस ऑपरेशन से जुड़े रणनीतिक और सुरक्षा मुद्दों को सदन के पटल पर रखा जाना था. इस पर चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को करनी थी. इसके अलावा, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर व निशिकांत दुबे भी इस मुद्दे पर अपने विचार रखने के लिए तैयार हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खुद इस बहस में भाग लेने के लिए संसद भवन पहुंचे हैं, जिससे यह साफ है कि सरकार इस विषय को लेकर बेहद गंभीर है. लेकिन हंगामे के चलते अब तक ऑपरेशन सिंदूर पर कोई ठोस चर्चा शुरू नहीं हो सकी है.
विपक्ष क्यों कर रहा हंगामा?
सदन में विपक्षी दलों ने जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, नारेबाजी और हंगामा करना शुरू कर दिया. उनकी मांगों और विरोध की वजह से सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चल पाई. विपक्षी सांसदों को शांत करने की तमाम कोशिशों के बावजूद स्थिति नियंत्रित नहीं हो सकी.
स्थिति को बिगड़ता देख लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कार्यवाही को दोपहर 1 बजे तक स्थगित कर दिया. विपक्ष की ओर से इस बार राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव सदन में अगुवा भूमिका में दिखे और मोर्चा संभाले हुए हैं.
मानसून सत्र अब तक हंगामे की भेंट चढ़ा
गौरतलब है कि संसद का यह मानसून सत्र शुरू से ही राजनीतिक तूफानों से घिरा रहा है. सत्र का पहला सप्ताह लगभग पूरी तरह से हंगामे की भेंट चढ़ चुका है. वहीं, हाल ही में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने संसद और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है.
सरकार की कोशिश है कि ऑपरेशन सिंदूर जैसे राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे पर सदन में गंभीर चर्चा हो सके, लेकिन विपक्ष का रुख अब तक टकराव वाला ही नजर आ रहा है.