कोचिंग सेंटर बन गए हैं पोचिंग सेंटर...बच्चों को बना रहे रोबोट - उपराष्ट्रपति

Authored By: News Corridors Desk | 12 Jul 2025, 08:33 PM
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश में बढ़ रहे कोचिंग कल्चर को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है । देशभर में कोचिंग सिटी के नाम से मशहूर कोटा में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि कोचिंग सेंटर्स सरकार की नई शिक्षा नीति के हिसाब से नहीं चल रहे हैं ।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि कोचिंग सेंटर्स में छात्रों की नैसर्गिक प्रतिभा को निखारने का काम नहीं होता बल्कि उन्हे 'रोबोट' बनाया जाता है । वे सिर्फ रटने और परीक्षा पास करने तक सीमित हो गए हैं । ये प्रक्रिया छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से भी प्रभावित कर रही है।

"कोचिंग सेंटर अब 'पोचिंग सेंटर' बन गए हैं" – उपराष्ट्रपति धनखड़

उपराष्ट्रपति कोटा IIIT (ट्रिपल आईटी) के चौथे दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे । उपाधि लेने वाले छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, आज के समय में कोचिंग संस्थान बच्चों को सिर्फ परीक्षा पास कराने के मशीन की तरह तैयार कर रहे हैं। 

उपराष्ट्रपति ने कहा कि ये संस्थान नई शिक्षा नीति (National Education Policy - NEP) के सिद्धांतों का पालन नहीं कर रहे हैं। इससे बच्चों पर मानसिक दबाव बढ़ रहा है और कई बार वे गंभीर मनोवेज्ञानिक समस्याओं का भी शिकार हो जाते हैं। उन्होंने कोचिंग कल्चर को खतरनाक बताते हुए कहा कि कोचिंग सेंटर पोचिंग सेंटर बन गए हैं ।  

कोचिंग को बनाएं स्किल सिखाने वाले सेंटर

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के मुताबिक देशभर में कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों में सीटों की संख्या सीमित है, लेकिन कोचिंग सेंटर लाखों छात्रों को सिर्फ परीक्षा पास कराने के लिए ट्रेन कर रहे हैं। इससे छात्र एक जैसी सोच के साथ आगे बढ़ते हैं और क्रिएटिविटी या स्किल डेवलपमेंट पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता।

उपराष्ट्रपति ने सुझाव दिया है कि कोचिंग सेंटरों को अब स्किल सेंटर में बदला जाना चाहिए, जहां बच्चों को सिर्फ परीक्षा के लिए नहीं, बल्कि जीवन के लिए तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि छात्रों को ऐसा ज्ञान दिया जाना चाहिए जिससे वे न केवल खुद रोजगार प्राप्त कर सकें, बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने लायक बनें।

IIIT कोटा के दीक्षांत समारोह में 189 छात्रों को दी गई डिग्री 

ट्रिपल आईटी के दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति ने बीटेक कंप्यूटर साइंस में टॉप करने वाले अंकुर अग्रवाल और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन के टॉपर ध्रुव गुप्ता को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया। समारोह में कुल 189 छात्रों को डिग्री दी गई।

उन्होंने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि डिग्री लेना ही अंतिम लक्ष्य नहीं है। असल मायने में शिक्षा वही है जो समाज को कुछ नया दे सके। धनखड़ ने देश के कुछ बड़े उद्यमियों का उदाहरण देते हुए कहा कि कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने शिक्षा को अपने तरीके से अपनाया और आज वे लाखों लोगों को रोजगार दे रहे हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि उन्हें भी ऐसा काम करना चाहिए जिससे वे दूसरों की जिंदगी बदल सकें।

दीक्षांत समारोह में राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े,राज्य के मंत्री मदन दिलावर, विधायक संदीप शर्मा, कल्पना देवी, और हीरालाल नागर जैसे कई जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे ।
समारोह में शामिल होने से पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पौधारोपण किया और कहा कि प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी उतनी ही जरूरी है जितनी शिक्षा ।