भारत के लिए 15 जुलाई 2025 एक ऐतिहासिक दिन बन गया । भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम Axiom-4 अंतरिक्ष मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर 18 दिनों बाद सकुशल पृथ्वी पर लौट आए । उनकी इस सफलता पर पूरा देश गौरवान्वित महसूस कर रहा है और इसे सेलीब्रेट कर रहा है । परन्तु इस गौरवशाली पल को भी कांग्रेस नेता उदितराज जातिवादी बहस में घसीट लाए हैं ।उन्होंने अंतरिक्ष यात्रा के लिए शुभांशु शुक्ला के चयन को लेकर ऐसी बेतुकी टिप्पणी कर दी है जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है ।
क्या कहा कांग्रेस नेता उदितराज ने ?
एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कांग्रेस नेता उदितराज ने पृथ्वी पर वापस लौटने पर शुभांशु शुक्ला को शुभकामनाएं तो दी,परन्तु साथ में एक ऐसा सियासी बयान दे डाला जिससे उनकी खुद का कांग्रेस पार्टी ने बिना देर किए अपना पल्ला झाड़ लिया ।
उदित राज ने कहा कि जब पहले राकेश शर्मा को अंतरिक्ष में भेजा गया था, तब एससी, एसटी, ओबीसी लोग इतने पढ़े-लिखे नहीं थे। इस बार, मुझे लगता है कि इनमें से किसी को भेजने की बारी थी । उदितराज ने कहा कि, ऐसा नहीं है कि नासा ने कोई परीक्षा ली और उसके बाद चयन शुभांशु का चयन हुआ। उन्हे भारत सरकार ने चुना था । शुक्लाजी की जगह किसी भी दलित या ओबीसी को भेजा जा सकता था। इस तरह के मिशन में सरकार की मंशा और चयन की प्रक्रिया में सामाजिक न्याय भी दिखना चाहिए ।
कांग्रेस ने निजी बयान बता झाड़ा पल्ला
उदित राज के बयान की काफी आलोचना हो रही है । माहौल को गरमाता देख कांग्रेस पार्टी ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि, यह उदितराज का निजी बयान है । कांग्रेस को डैमेज कंट्रोल के लिए आगे आना पड़ा । वरिष्ठ कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा कि, हम इस बयान से सहमत नहीं हैं। अंतरिक्ष यात्रा एक तकनीकी प्रक्रिया है, जिसमें कड़ी ट्रेनिंग और टेस्टिंग के बाद ही किसी को चुना जाता है। इसे जाति के चश्मे से देखना गलत है।
बयान के बाद सोशल मीडिया पर मचा बवाल
उदितराज के बयान आते ही सोशल मीडिया पर लोग सक्रिय हो गए । इतनी बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धियों को जातिगत चश्मे से देखने पर बड़ी संख्या में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा । तरह-तरह के कमेंट्स आने लगे । एक यूजर ने लिखा कि, ये ISRO है, बिग बॉस नहीं ! दूसरे ने लिखा, ये बिग बॉस नहीं, अंतरिक्ष मिशन है ।
एक अन्य यूजर ने तंज कसते हुए लिखा, “नासा और स्पेसएक्स दुनिया की सबसे काबिल संस्थाएं हैं। वहां आरक्षण नहीं, काबिलियत चलती है। अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण जाति नहीं देखता।” कई यूजर्स ने काफी दिलचस्प कमेंट भी किए । एक ने तो यहां तक कह दिया कि ,अगर ऐसी ही सोच रही तो कल को लोग स्वर्ग में भी आरक्षण की मांग करने लगेंगे।
क्या है मिशन Axiom-4 की अहमियत ?
शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री है । इससे पहले स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा1984 में सोवियत संघ के सोयुज टी-11 अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी। शुभांशु जिस Axiom-4 मिशन का हिस्सा थे वह एक अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के तहत लटन्च किया गया, जिसमें अमेरिका की कंपनी SpaceX और NASA की बड़ी भूमिका थी।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने 18 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर बिताए । इस दौरान उन्होंने 60 प्रयोगों को अंजाम दिया, जिनमें से सात प्रयोग इसरो के थे । शुभांशु अपने साथ 263 किलो वैज्ञानिक सामान लेकर धरती पर लौटे हैं, जिसके अध्ययन से भविष्य के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में बड़ी मदद मिलने सी संभावना है ।