संभल में होली को लेकर अलर्ट पर प्रशासन ! सीओ के बयान पर गर्मायी राजनीति

Date: 2025-03-08
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संभल में हिंदू समुदाय के लोगों को बेसब्री से होली का इंतजार है । उत्साह का आलम यह है कि अभी से लोग रंगों-गुलालों से सराबोर होने लगे हैं । बाजार में सबसे ज्यादा डिमांड केसरिया रंग-गुलाल की है । कई लोगों का कहना है वर्षों बाद उन्हे खुलकर होली खेलने का मौका मिल रहा है । 

उधर समाजवादी नेता चिढ़े-चिढ़े से और मौलाना परेशान दिख रहे हैं । प्रशासन के लिए भी चुनौती बढ़ गई है । प्रशासन का पूरा अमला अलर्ट मोड पर है । वजह है शुक्रवार का दिन । रमजान चल रहा है । इस दिन जुमे की नमाज होती है और इस बार इसी दिन यानि शुक्रवार को ही होली भी है । 

होली को लेकर अलर्ट पर प्रशासन

वैसे तो संभल में पिछले साल नवंबर महीने में हुए दंगों के बाद से ही प्रशासन की ओर से एहतियात बरती जा रही है । परन्तु जुमे के दिन होली को देखते हुए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं ताकि शांति व्यवस्था भंग न हो । 

पीएससी की टीम को भी तैनात किया गया है । सभी संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं । होलिका दहन वाले स्थानों पर भी इसके जरिए निगरानी रहेगी । 
प्रशासन दोनों समुदायों के लोगों के साथ संपर्क में है । शांति कमेटी की बैठकें भी लगातार हो रही है । ये सुनिश्चित करने की कोशिश है कि शांतिपूर्ण तरीके से लोग होली भी खेलें और नमाज भी पढ़ी जाए ।  

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प्रशासन कर रहा सौहार्द बनाए रखने की अपील 

सम्भल के सीओ अनुज चौधरी ने अपील की है कि होली पर मुसलमान बड़ा दिल रखें और यदि कोई रंग लगा दे तो भी हंगामा न खड़ा करें । उन्होने कहा कि जिन्हें रंग से परेशानी हो वो होली के दिन घरों से न निकलें । सीओ अनुज चौधरी ने कहा कि इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि जुमा साल में 52 बार आता है लेकिन होली एक बार ही आती है । 

इसी तरह प्रशासन ने हिंदू समुदाय के लोगों से भी अपील की है कि, यदि किसी को रंगों से परेशानी हो तो उसे जबरदस्ती रंग न लगाया जाए । 

बयान को राजनीति रंग देने की कोशिश 

सीओ अनुज चौधरी के बयान के बाद कुछ लोग इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिशों में जुट गए हैं । समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने तो सीओ को सीधे-सीधे बीजेपी का एजेंट करार दे दिया है । 

उधर कई मौलानाओं को भी सीओ अनुज चौधरी के बयान से परेशानी होने लगी है । वो अपने समुदाय के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करने की बजाए प्रशासन को कठघरे में खड़ा करने में जुट गए हैं ।