देश के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहायक कंपनी, रिलायंस न्यू एनर्जी लिमिटेड को भारी जुर्माना का सामना करना पड़ सकता है ।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि रिलायंस की न्यू एनर्जी लिमिटेड ने देश में बैटरी सेल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक बोली जीती थी । लेकिन कंपनी तय समय सीमा के भीतर काम पूरा नहीं कर पाई । इसकी वजह से अब उसे लगभग 14.3 मिलियन डॉलर यानि करीब 125 करोड़ रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है ।
दरअसल 2022 में भारत सरकार ने लोकल प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के उदेश्य से बैटरी सेल प्रोडक्शन के लिए एक योजना शुरू की थी । इसके तहत कई कंपनियों ने बोलियां जीती थीं। इनमें से एक रिलायंस न्यू एनर्जी लिमिटेड भी थी ।
रिलायंस न्यू एनर्जी लिमिटेड के साथ-साथ राजेश एक्सपोर्ट्स लिमिटेड पर भी जुर्माना लग सकता है । रिलायंस इंडस्ट्रीज, राजेश एक्सपोर्ट्स और ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड की यूनिट्स ने 2022 में बैटरी सेल प्लांट बनाने के लिए बोलियां जीती थीं। कंपनियों को इस योजना के तहत 18,100 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिलने वाली थी।
उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन यानि पीएलआई कार्यक्रम को देश के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आयात पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मेक इन इंडिया' योजना के तहत देश में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ाकर जीडीपी का 25 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा था ।
हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की जीडीपी में हिस्सेदारी 2014 में 15 प्रतिशत से घटकर 2023 में 13 प्रतिशत हो गई है, जो सरकार के लिए चिंता का विषय है।
प्रोडक्शन से जुड़ी पीएलआई योजना स्मार्टफोन के स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने में काफी सफल रही है । लेकिन कुछ क्षेत्रों में यह ज्यादा सफल नहीं हो पाई है ।