उत्तराखंड के मॉल्स और ड्पार्टमेंटल स्टोर्स में अब देश के दूसरे राज्यों के शराब उत्पादक अपने उत्पादों की बिक्री नहीं कर पाएंगे । हालांकि उन्हे तय नियमों के मुताबिक राज्य की दूसरी जगहों पर व्यापार की अनुमति होगी ।
राज्य सरकार की नई आबकारी नीति के मुताबिक उत्तराखंड में मॉल्स और डिपार्टमेन्टल स्टोर्स में स्थित मदिरा की दुकानों में केवल विदेशी मदिरा, बीयर, वाईन, आर०टी०डी० की बोतलें और मिनीएचर्स को बेचने की अनुमति होगी । परन्तु अद्धे और पव्वे की बिक्री पर रोक रहेगी । इसके अलावा मॉल्स और डिपार्टमेन्टल स्टोर्स में 5% या उससे कम तीव्रता वाली भारत में मैन्यूफैक्चर्ड बीयर की बिक्री की भी अनुमति होगी।
स्थानीय उत्पादक भी बेच सकेंगे अपना माल
नए नियमों के अनुसार, मॉल्स और डिपार्टमेंटल स्टोर्स में उत्तराखंड राज्य में स्थापित आसवनियों (Distilleries) , वाइनरियों द्वारा निर्मित वाइन, रम, जिन और वोदका की बिक्री की अनुमति दी जाएगी लेकिन वो भी अद्धा और पव्वा नहीं बेच पाएंगे । सरकार ने यह फैसला स्थानीय शराब उत्पादकों और व्यापारियों को ज्यादा अवसर उपलब्ध कराने के लिए लिया है । इससे सरकार को ज्यादा राजस्व की प्राप्ति भी होगी । परन्तु इससे दूसरे राज्यों के शराब कारोबारियों को बड़ा झटका लगा है ।
दूसरे राज्यों के उत्पादों को बेचने पर रोक से असंतोष
धामी सरकार की नई आबकारी नीति से राज्य के बाहर के शराब कारोबारियों के लिए अवसर सीमित हो गए हैं । अब दूसरे राज्यों की कंपनियां अब अपना उत्पाद मॉल्स और डिपार्टमेंटल स्टोर्स में नहीं बेच पाएंगे । हालांकि राज्य में दूसरी जगहों पर उन्हे पहले की तरह ही कारोबार करने की छूट रहेगी ।
राज्य सरकार के फैसले का असर दूसरे राज्यों के शराब उत्पादकों पर पड़ना तय है । लिहाजा इस फैसले से वो खुश नहीं दिख रहे हैं । सरकार ने मॉल्स और डिपार्टमेन्टल स्टोर्स में स्थित शराब की दुकानों के मालिकों से कहा है कि उनके पास बिक्री के लिए प्रतिबंधित मदिरा, बीयर, वाईन, आर०टी०डी० का जो स्टॉक है उसे 31 मार्च 2025 तक क्लियर कर लें । ऐसा नहीं करने पर तय समय सीमा के बाद दुकान को सील कर दिया जाएगा ।
स्थानीय निवासियों और रोजगार पर फोकस
पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने नई आबकारी नीति में स्थानीय निवासियों को तरजीह दी है । मदिरा के थोक व्यापार का लाइसेंस केवल उत्तराखंड निवासियों को ही जारी किए जाएंगे । इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे ।
पर्वतीय क्षेत्रों में वाइनरी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में उत्पादित फलों से वाइनरी इकाइयों के लिए बड़ी घोषणा की गई है । उन सभी को अगले 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट दी जाएगी । इससे कृषकों और बागवानी से जुड़े लोगों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा । राज्य में मदिरा उद्योग में निवेश को प्रोत्साहित करने के निर्यात शुल्क में कटौती की गई है और माल्ट एवं स्प्रिट उद्योगों को पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी ।
धार्मिक स्थलों के आसपास नही होगी शराब की दुकान
धामी सरकार की नई आबकारी नीति में कई अहम परिवर्तन किए गए हैं । अब राज्य के धार्मिक स्थलों के आसपास स्थित शराब की दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया गया है ।
इसके साथ ही, यदि किसी दुकान पर ओवररेटिंग की शिकायत सही पाई जाती है, तो उसका लाइसेंस तुरंत रद्द कर दिया जाएगा । उप-दुकानों और मेट्रो मदिरा बिक्री प्रणाली को भी समाप्त कर दिया गया है।
नई नीति में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी दुकान पर MRP से अधिक कीमत ली जाती है, तो लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा । मॉल्स और डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी MRP के तहत बिक्री होगी ।