दुनिया को खास संदेश देने के लिए खास अंदाज में जंगल के राजा से मिलने पहुंचे पीएम मोदी

Date: 2025-03-03
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कैमोफ्लाज ड्रेस...खुले जीप की सवारी ... हाथों में कैमरा और जंगल के राजा से सीधा साक्षात्कार ... प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गिर के घने जंगलों में पहुंचे तो शेरों के साथ बिताए इन रोमांचक और खास पलों को न सिर्फ खुद जिया बल्कि तस्वीरों के माध्यम से देश और दुनिया के तमाम लोगों के साथ साझा भी किया । 

ये गिर के घने जंगल में प्रधानमंत्री का एक साहसिक लॉयन सफारी भर नही था बल्कि वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है । वन्यजीव दिवस के अवसर पर उनकी इस यात्रा का मकसद वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास से देश और दुनिया के तमाम लोगों तक  बेहद अहम संदेश को पहुंचाना था । 

लॉयन सफारी पर पीएम का पोस्ट  

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने  पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा कि, सामूहिक प्रयासों के कारण एशियाई शेरों की आबादी में लगातार वृद्धि देखी गई है । उन्होंने एशियाई शेरों के आवास को संरक्षित करने में आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों और महिलाओं के योगदान को भी याद किया है । 

प्रधानमंत्री ने लिखा , "आज सुबह, वन्यजीव दिवस पर मैं गिर में एक सफारी पर गया । जैसा कि हम सभी जानते हैं , गिर जंगल के राजा एशियाई शेरों का घर है । गिर आने से मुझे उन कार्यों की कई यादें भी ताजा हो जाती हैं जो हमने उस समय सामूहिक रूप से किए थे जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था । पिछले कई वर्षों में सामूहिक प्रयासों से यह सुनिश्चित हुआ है कि एशियाई शेरों की आबादी लगातार बढ़ रही है । एशियाई शेरों के आवास को संरक्षित करने में आदिवासी समुदायों और आसपास के क्षेत्रों की महिलाओं की भूमिका भी उतनी ही सराहनीय है । "

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वन्यजीव संरक्षण को लेकर कई अहम फैसले 

इस लॉयन सफारी में प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, अन्य मंत्री और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे । 
जंगल की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री गिर वन्यजीव अभयारण्य के मुख्यालय सासण गिर में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की सातवीं बैठक की अध्यक्षता करने पहुंचे । इस बैठक में वन्यजीव संरक्षण को लेकर कई अहम फैसले लिए गए, जिससे भारत के वन्यजीवों को और अधिक सुरक्षा मिल सके।

इससे पहले रविवार की शाम प्रधानमंत्री ने सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की और वहां से लौटने के बाद गुजरात वन विभाग के गेस्ट हाउस 'सिंह सादन' में रात बिताई । सोमवार को सुबह जल्दी ही वे गिर जंगल में सफारी के लिए निकल पड़े । 

गौरतलब है कि गिर नेशनल पार्क आज एशियाई शेरों का एकमात्र प्राकृतिक घर है । गुजरात के 9 जिलों में फैले करीब 30,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में ये पाए जाते हैं। राज्य सरकार ने यहाँ के जंगलों को बचाने और शेरों की संख्या बढ़ाने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं।