एक हाथ में ब़ॉटल और यूरिन बैग की थैली, नाक में एक पाइप भी लगी है,यह वहीं मरीज़ है जिसे कोमा में बताया जा रहा था। आख़िर क्या है पूरी कहानी? आइए जानते हैं… यह एक ऐसा गोरखधंधा है जिसका शिकार कई लोग होते हैं, जीता-जागता सबूत कभी-कभार इस तरह से सामने आता है।
मरीज़ आईसीयू में हो तो उसे बचाने के लिए पूरा परिवार जी-जान लगा देता है। कहीं से भी पैसे जुटाता है, इलाज करवाता है और डॉक्टरों को भगवान मान-कर मरीज़ को उनके भरोसे छोड़ देता है। ऐसा आपके साथ भी कभी हुआ होगा कि मरीज़ आईसीयू में हो तो फ़ीस का मीटर बड़ी तेज़ी से भागता है। आपके पास इंश्योरेंस ना हो तो भी अस्पताल प्रबंधन आप पर प्रेशर बनाता है कि पैसे कहीं से भी जुटाइए वरना मरीज़ का बचना मुश्किल हो जाएगा।
आईसीयू वाली लूट का भंडाफोड़
अब मध्य प्रदेश के रतलाम में कैसे आईसीयू के नाम पर चल रही लूट की पोल खुली वो भी जान लीजिए। एक मरीज ने अस्पताल मैनेजमेंट पर जो गंभीर आरोप लगाए हैं कि उसे जानकर आप के पैरों तले जमीन ही खिसक जाएगी। असपताल की गुंडागर्दी और स्टाफ़ की दबंगई से ये मरीज इतना ज्यादा त्रस्त हो गया कि कैथेड्रल और श्वास नली लगाए अस्पताल से सड़क पर पहुंच गया और जमकर हंगामा किया। मरीज और उसके परिजनों ने अस्पताल के सारे चिट्ठे ही खोल दिए। क्या है पूरा मामला आपको समझाते हैं...
5 लोगों ने मरीज़ के हाथ-पैर बांध दिए
रतलाम के मोतीनगर का रहने वाला मरीज़ एक निजी अस्पताल में पहुँचा। डॉक्टरों ने मरीज़ की हालत सीरियस बता कर उसे आईसीयू में शिफ़्ट कर दिया। कहा जा रहा है कि ये परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। पत्नी ने जैसे तैसे पैसों का इंतजाम किया। परिवार वालों ने किसी तरह 40 हजार रूपये जुटाए और अस्पताल में जमा कराया। डॉक्टर ने मरीज को कोमा में बताकर पत्नी से और पैसों की माँग रख दी। लेकिन जब वो पैसे लेकर अस्पताल पहुंची तो पूरा माजरा देखकर हैरान रह गई। पत्नी का कहना है कि उसके पति को ICU में बंधक बनाया गया फिर 5 लोगों ने मिलकर मरीज़ के हाथ-पैर बांध दिए और उसे कहीं जाने नहीं दिया। यहां तक की परिवार के लोगों से भी मरीज़ को मिलने-जुलने नहीं दिया गया।
जब मामले ने तूल पकड़ा और मरीज़ ख़ुद किसी तरह बाहर आ गया तब ये सारा खेल जगज़ाहिर हो गया। मरीज को ऐसी हालत में सड़क पर खड़ा देख, हर कोई आने जाने वाला ठहर गया। इसके बाद मरीज और उसके परिजनों ने खुद चीख –चीख कर सड़क पर ही अस्पताल की हकीकत लोगों को बताई। पास खड़े कुछ लोगों ने मरीज और उसके परिजनों का वीडियो बना लिया, जो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। हंगामा बढ़ा तो सरकार ने पूरे मामले के जांच के आदेश दे दिये हैं। लेकिन सवाल ये है कि निजी अस्पतालों में हर दिन होने वाली करोड़ों-अरबों की ऐसी लूट पर नकेल कब कसेगी?