दीपक जलाने का क्या है सही तरीका? जानें भगवान के किस ओर जलाएं दीप

Date: 2025-03-10
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 सनातन धर्म में सुबह-शाम होने वाली पूजा में दीपक जलाने की परंपरा है। वास्तुशास्त्र में दीपक जलाने व उसे रखने के संबंध में कई नियम बताए गए हैं। दीपक की लौ की दिशा किस ओर होनी चाहिए, देवी देवताओं के समक्ष घी और तेल किसका दीप जलाना चाहिए। कई बार लोग जानकारी के अभाव में दीप जलाते समय कुछ गलतियां कर देते हैं, जो अशुभ परिणाम दे सकती हैं। अगर हम इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो पूजा सफल नहीं मानी जाती है। आइए जानते हैं, पूजा में दीपक जलाने से जुड़े जरूरी नियमों के बारे में... 

दीपक जलाने के नियम

भगवान के सामने दीपक जलाए बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। मान्यता है कि दीपक का प्रकाश सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। जो जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाने का संकेत देता है। दीपक का प्रज्वलित होना ईश्वर की उपस्थिति का आभास कराता है। ऐसा माना जाता है दीपक जलाने से ध्यान केंद्रित होता है। जिससे भक्त ईश्वर के प्रति अपनी भक्ति को गहराई से व्यक्त कर पाते हैं। पूजा में दीपक जलाने का उचित समय सूर्योदय और सूर्यास्त के समय माना जाता है। इस समय वातावरण में ऊर्जा का संतुलन सबसे अधिक प्रभावी होता है। दीपक जलाने से पहले उसको अच्छी तरह से जांच लें कि दीपक खंडित तो नहीं है। 

इन नियमों का करें पालन

पूजा करते वक्त दीपक को भगवान के मुंह के ठीक सामने रखें। ऐसा करने से दीपक की लौ सीधे भगवान की ओर जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा-पाठ के दौरान कभी भी दक्षिण दिशा की ओर दीपक नहीं जलाना चाहिए। क्योंकि यह यमराज की दिशा मानी जाती है। उत्तर दिशा की ओर दीपक जलाना सबसे शुभ माना जाता है। दीपक की लौ पूर्व दिशा में रखना भी शुभ होता है। 

दीपक बुझने के बाद ध्यान दें

देवी देवताओं के समक्ष घी और तेल दोनों तरह के दीपक जलाए जाते हैं, लेकिन आपके मन में इस बात का असमंजस बना रहता होगा कि कब घी का दीपक और कब तेल का दीपक भगवान के समक्ष जलाना चाहिए। अगर पूजा के दौरान कोई व्यक्ति घी का दिया जला रहा है तो उस दिये को भगवान के बाईं ओर रखें। और अगर कोई साधक तेल का दिया जला रहा है तो वह उस दिये को भगवान के दाईं ओर रखें। कहा गया है की घी के दीपक को देवी-देवता को समर्पित किया जाता है। जबकि तेल का दीपक मनुष्य अफनी इच्छाओं की पूर्ती के लिए जलाता है। इसके साथ ही हमेशा ध्यान रहे कि दीपक बिना तेल या घी खत्म हुए बीच में नहीं बुझना चाहिए। यदि दीपक बीच में बुझ जाता है तो इसे अशुम मानते हैं। इसलिए घर या मंदिर में पूजा करते समय दीपक में अधिक मात्रा में घी या तेल डालें, ऐसा करने से दीपक लम्बे समय तक जलेगा।