कई तरह की समस्याओं के लिए रत्नशास्त्र में कुछ रत्न बताए गए हैं, जो काफी प्रभावी होते हैं। रत्न को धारण करने से कुंडली में कमजोर ग्रह मजबूत होते हैं और कई अन्य फायदे देखने को मिलते हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं माणिक्य रत्न के बारे में जिसे रूबी भी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में इस रत्न का संबंध ग्रहों के राजा सूर्य ग्रह से होता है। इस कारण माणिक्य को रत्नों का राजा भी कहा जाता है।
किन लोगों को पहनना चाहिए
मेष, सिंह और धनु लग्न में माणिक्य पहनना सर्वोत्तम होता है। अगर जातक को हृदय और नेत्र रोग है तो भी वह माणिक धारण कर सकता है। साथ ही यदि किसी जातक की कुंडली के धन भाव ग्याहरवां भाव, दशम भाव, नवम भाव, पंचम भाव, एकादश भाव में सूर्य उच्च के स्थित हैं तो भी माणिक्य धारण कर सकते हैं।
माणिक रत्न के फायदे
माणिक उन नौ रत्नों में से एक है जिन्हें सबसे प्रभावशाली माना जाता है। राजाओं के समय में वे इसे अपनी शक्ति व सम्मान मानते थे। दरअसल, यह रत्न पहनने वाले को जो लाभ प्रदान करता है वह न केवल आर्थिक बल्कि शारीरिक भी होता है। ऐसा कहा जाता है कि यह पत्थर इसे धारण करने वाले व्यक्ति को शारीरिक रूप से ठीक कर देता है।
माणिक पहनने की विधि
1. हमेशा गुलाबी या लाल रंग के पारदर्शी माणिक्य को ही पहनने के लिए चुनें।
2. माणिक्य को सोने या ताम्बे में पहनना चाहिए।
3. माणिक्य रविवार के दिन दोपहर में अनामिका अंगुली में धारण करना अच्छा होता है।
4. माणिक का वजन कम से कम 6 से सवा 7 रत्ती का होना चाहिए।
5. माणिक रत्न को सूर्योदय होने पर स्नान करने के बाद धारण करें।
6. माणिक धारण करने से पहले अंगूठी को गाय के दूध और गंगाजल से शुद्ध कर लें।
7. उसके बाद मंदिर के सामने बैठकर सूर्य देव के मंत्र ओम सूर्याय नमः: का जप करें और फिर अंगूठी को धारण करें।