बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने 24 घंटे में दो बड़े फैसले लेकर सबको चौंका दिया है । दोनों फैसलों में दो ही शख्स अहम हैं । पहली हैं बीएसपी सुप्रीमो मायावती और दूसरे उनके भतीजे आकाश आनंद । रविवार को मायावती ने आकाश से उत्तराधिकार ही नहीं छीना बल्कि पार्टी के सभी पदों से बेदखल किया और सोमवार को पार्टी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया ।
मायावती ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी । उन्होने एक के बाद एक कई ट्वीट किए । मायावती ने लिखा कि, 'परमपूज्य बाबा साहेब के आत्म सम्मान व स्वाभिमान मूवमेंट के हित में पार्टी की अनुशासन परम्परा को निभाते हुए श्री आकाश आनंद को पार्टी से निष्कासित किया जाता है ।'
मायावती ने क्यों लिया आकाश को पार्टी से निकालने का फैसला ?
मायावती ने 24 घंटे में ही ये फैसला क्यों लिया? इस फैसले के पीछे क्या एक सोशल मीडिया पोस्ट रही जो आकाश आनंद ने उन्हें बीएसपी के कोऑर्डिनेटर पद से हटाने के बाद लिखी? आकाश आनंद ने अपने पोस्ट में लिखा है :-
" मैं मायावती जी का कैडर हूं, और उनके नेतृत्व में मैने त्याग, निष्ठा और समर्पण के कभी ना भूलने वाले सबक सीखे हैं, ये सब मेरे लिए केवल एक विचार नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य हैं।
आदरणीय बहन जी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर के समान है, मैं उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं उस फैसले के साथ खड़ा हूं।
मायावती जी द्वारा मुझे पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने का निर्णय मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक है, लेकिन साथ ही अब एक बड़ी चुनौती भी है, परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है।
ऐसे कठिन समय में धैर्य और संकल्प ही सच्चे साथी होते हैं। बहुजन मिशन और मूवमेंट के एक सच्चे कार्यकर्ता की तरह, मैं पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा और अपनी आखिरी सांस तक अपने समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा।
कुछ विरोधी दल के लोग ये सोच रहे हैं कि पार्टी के इस फैसले से मेरा राजनीतिक करियर समाप्त हो गया, उन्हें समझना चाहिए कि बहुजन मूवमेंट कोई करियर नहीं, बल्कि करोड़ों दलित, शोषित, वंचित और गरीबों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की लड़ाई है।
यह एक विचार है, एक आंदोलन है, जिसे दबाया नहीं जा सकता। इस मशाल को जलाए रखने और इसके लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने के लिए लाखों आकाश आनंद हमेशा तैयार हैं। "
आकाश आनंद की भूमिका पर उठ रहे सवाल
आकाश आनंद के निष्कासन की बड़ी वजह उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ बताए जा रहे है । अशोक सिद्धार्थ को मायवती पहले ही पार्टी से निकाल चुकी हैं । उनका कहना है कि अशोक सिद्धार्थ ने पार्टी को दो गुटों में बाँट कर कमजोर किया है । मायावती ने आकाश पर भी पत्नी और ससुर के प्रभाव में आकर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आऱोप लगाया है ।
उधर आकाश आनंद पर कार्रवाई को लेकर राजनीतिक हलकों में एक और थ्यौरी तेर रही है । इस बात को लेकर भी सवाल उठ रहा है कि आख़िर कौन है जिसे बीएसपी की इस टूट का फ़ायदा मिलेगा । इसमें जिस नाम की चर्चा हो रही है वो हैं चंद्रशेखर रावन जिनकी भीम आर्मी लगातार दलितों में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रही है ।
आकाश आनंद के पास क्या विकल्प बचा है ?
आकाश आनंद के पास पहला विकल्प तो यही है कि हमेशा की तरह इस बार भी वो मायावती की नाराजगी दूर होने का इंतजार करें । दूसरा विकल्प ये है कि बीएसपी में बड़े नेताओं के साथ संपर्क कर मायावती को मनाने की कोशिश करें । इसके अलावा उनके पास बगावत कर नई पार्टी बनाने और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर की पार्टी को ज्वाइन करने का विकल्प भी मौजूद है ।
परन्तु आकाश आनंद की सीमा यह है कि वो कोई मास लीडर नहीं हैं । अबतक उन्होने जो भी हासिल किया है वह मायावती का भतीजा होने की वजह से मिला है । दलित चेहरे और दलितों की आवाज़ उठाने के नाम पर आकाश ने पार्टी में अपना दबदबा जरूर बनाया , लेकिन उनकी अगुआई में 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की सीटें शून्य रहीं । इसी तरह 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बीएसपी का खाता नहीं खुला । ऐसे में राजनीति में नई राह बनाना उनके लिए आसान नहीं है ।